स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमए टाइप ई-1) से जूझ रही डेढ़ साल की वेदिका ने रविवार रात को दम तोड़ दिया। क्राउड फंडिंग के जरिए उसे डेढ़ महीने पहले 16 करोड़ का इंजेक्शन लगा था। इसके बाद से वेदिका की हालत में सुधार भी था, लेकिन 1 अगस्त की रात हालत बिगड़ने से उसकी मौत हो गई।
16 करोड़ का इंजेक्शन नहीं बचा पाया
वेदिका के पैदा होने के कुछ वक्त बाद से ही वो इस बीमारी का शिकार बन गई थी। एसएमए टाइप ई-1 बीमारी थी। उसके इलाज के लिए 16 करोड़ का इंजेक्शन भी मंगवाया गया था। जिस पर भारत सरकार ने आयात माफ कर दिया था। रविवार को उसकी हालत बिगड़ने लगी, परिवार ने सोशल मीडिया के माध्यम से दुआ की अपील भी की थी।
तबीयत में सुधार था
वेदिका इस बीमारी के बारे में उसकी मां ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था। जो काफी वायरल हुआ, लोगों ने फंडिंग कर 16 करोड़ रुपए जुटाए। इसके बाद दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में उसे इंजेक्शन लगा था। वेदिका के परिजनों ने मीडिया को बताया था कि बच्ची की तबीयत में सुधार है।