NEW DELHI.संसद का विशेष सत्र सोमवार, 18 सितंबर से शुरू हुआ। प्रारंभ में ही लोकसभा में आज उस वक्त विरोध की स्थिति पैदा हो गई जब तय समय से पहले ही राष्ट्रगान बज गया। चूंकि राष्ट्रगान गलत समय पर बजा था, इसलिए उसे पूरा होने से पहले ही रोक दिया गया। जिसको लेकर विपक्षी सांसदों ने विरोध जताया। अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या स्पीकर के सदन में पहुंचने से पहले राष्ट्रगान का बजना उनका अपमान नहीं है?
अचानक बजा राष्ट्रगान, बीच में रोका... विवाद
दरअसल, उस समय 11 नहीं बजे थे और न ही लोकसभा स्पीकर ओम बिरला अपने आसन पर बैठे थे। इसके साथ ही सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही राष्ट्रगान शुरू हो गया और उस समय सदन में मौजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सोनिया गांधी समेत सभी सांसद सम्मान में खड़े हो गए, लेकिन राष्ट्रगान गलती से बज गया था इसलिए इसे बीच में ही रोक दिया गया। जिसके बाद इस पर विवाद खड़ा हो गया।
विपक्षी सांसदों ने जताया विरोध, स्पीकर ने बताया तकनीकी खामी
लोकसभा में सोमवार को राष्ट्रगान को अचानक रोक दिए जाने पर विपक्षी दलों ने विरोध जताया। जिसके बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को हस्तक्षेप करना पड़ा। अध्यक्ष ने उत्तेजित विपक्षी सदस्यों को शांत करते हुए कहा कि कभी-कभी तकनीकी खामियां हो जाती हैं।
मामले की जांच की जाएगी
इसके बाद कांग्रेस के सदन के नेता अधीर रंजन को शोरगुल के बीच अध्यक्ष से यह कहते हुए सुना गया, 'जब आपका अपमान किया जाता है तो हमें अच्छा नहीं लगता।' इस पर बिड़ला ने सदस्यों को आश्वासन दिया कि मामले की जांच की जाएगी। कांग्रेस नेता गौरव गोगोई और बसपा के दानिश अली उन विपक्षी दल के नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने बिड़ला के लोकसभा कक्ष में प्रवेश करने से पहले राष्ट्रगान बजाने पर आपत्ति जताई थी।
सदन में राष्ट्रगान और राष्ट्रीय गीत की क्या है परंपरा?
इसके बाद जब माहौल थोड़ा शांत हुआ तो पूरा राष्ट्रगान बजाया गया। यहां बता दें, संसद के नए सत्र की शुरुआत में सदन में राष्ट्रगान - 'जन, गण, मन...' बजाया जाता है। वहीं सत्र का समापन राष्ट्रीय गीत 'वंदे मातरम' के वादन के साथ होता है। सत्र की शुरुआत में स्पीकर के आने के बाद राष्ट्रगान होता है और फिर चर्चा शुरू होती है, लेकिन आज तकनीकी खामी की वजह से आज राष्ट्रगान स्पीकर के आने से पहले ही बज गया था।