मध्यप्रदेश में गाय को सड़क पर छोड़ने वाले मालिकों पर लगेगा 1 से 5 हजार तक जुर्माना, गौमाता पालने पर हर महीने मिलेंगे 900 रु.

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Arun Dixit
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मध्यप्रदेश में गाय को सड़क पर छोड़ने वाले मालिकों पर लगेगा 1 से 5 हजार तक जुर्माना, गौमाता पालने पर हर महीने मिलेंगे 900 रु.

BHOPAL. बीजेपी की सियासत के कोर इश्यु गौ संरक्षण और संवर्धन पर सरकार एक बार फिर सख्त होने जा रही है। ये सख्ती होगी गाय को पालने वाले गौ पालकों या गौ मालिकों पर। आमतौर पर देखने में आ रहा है कि गाय जब दुधारू नहीं रहती है तो उसे बेसहारा छोड़ दिया जाता है। इसी कारण सड़कों पर बेसहारा गायों की संख्या 20 लाख के पार हो गई है। गौ मालिकों की इस आदत को दूर करने के लिए सरकार अब उन पर पेनाल्टी लगाने जा रही है। पहले भी इस तरह की चर्चाएं शुरू हुई थीं लेकिन तब सरकार ने अपने कदम पीछे खींच लिए थे लेकिन इस बार सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। गौ संवर्धन बोर्ड के इस प्रस्ताव पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। गौ संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद का कहना है कि गौ मालिकों पर 1 से 5 हजार रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। अभी तक पहली बार 25 रुपए और उसके बाद 50 रुपए वसूलने का प्रावधान था।



तय की जा रही जुर्माने की राशि



पेनाल्टी की राशि क्या हो, इस पर सरकार ने गौ संरक्षण और संवर्धन से जुड़े विशेषज्ञों के अलावा किसानों की भी राय ली गई। स्वामी अखिलेश्वरानंद कहते हैं कि विचार में सामने आया कि 5 हजार रुपए एक गौ मालिक के लिए बहुत ज्यादा राशि है। इससे कम 1 हजार से 3 हजार तक करने के सुझाव भी सामने आए हैं। अब इन सुझावों के आधार पर ही जुर्माने की राशि तय की जाएगी। मध्यप्रदेश में गाय टैगिंग के आधार पर उसके मालिक की पहचान की जाएगी और उस पर जुर्माना लगाया जाएगा। मध्यप्रदेश में गायों को पहचान देने के लिए टैगिंग का काम लगभग पूरा हो गया है।



बेसहारा पशु बन रहे हादसों का सबब



इससे पहले नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने एक प्रस्ताव देते हुए बताया था कि प्रदेश के तमाम शहरों में सड़कों पर घूमने वाले आवारा मवेशी आम लोगों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं। सड़कों पर घूमने वाले इन मवेशियों से जान का खतरा भी होने लगा है। आए दिन इन मवेशियों की वजह से हादसे हो रहे हैं। चाहे वो नेशनल हाइवे हो या शहर की दूसरी सड़कें या फिर गलियां हों। हर जगह ये मवेशी ट्रैफिक में बाधा पैदा करते हैं। रात के अंधेरे में कभी मवेशी वाहनों की चपेट में आकर घायल हो जाते हैं तो कभी इन्हीं मवेशियों के कारण रास्ते जाम हो जाते हैं। कई भीषण हादसे भी मवेशियों को बचाने की कोशिश में हो चुके हैं।



हाईकोर्ट भी दे चुका है गाइडलाइन



सड़कों पर घूमने वाले इन बेसहारा पशुओं को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट भी गाइडलाइन दे चुका है। कोर्ट ने सितंबर 2015 को सरकार को आदेश दिया था कि बेसहारा पशुओं के मामले में सख्त एक्शन लिया जाए लेकिन सरकार कोई कदम नहीं उठा पाई। इसके बाद 2018 और 2019 में भी इस तरह की याचिकाएं दायर की गई थीं जिसके बाद हाईकोर्ट ने 2021 में सरकार को सख्त नियम लागू करने की चेतावनी दी थी।



राजस्थान में सरकार की सख्ती



राजस्थान सरकार ने हाल ही में पशुओं को लावारिस छोड़ने वाले पशुपालकों पर मोटा जुर्माना लगाने का फैसला लिया है। सरकार के निर्देश के मुताबिक अब खुले में पशुओं को छोड़ने पर भी 1 से 10 हजार रुपए तक जुर्माना लगाया जाएगा। ये ही नहीं सरकार पशुपालकों से परिवहन राशि के तौर पर 300 से 500 रुपए प्रति पशु की वसूली भी करेगी। इसी के साथ हर रोज पशु चराई के लिए 100 रुपए तक की राशि ली जाएगी।



गाय पालने पर 900 रुपए महीने देगी सरकार



चुनावी साल में सरकार गौ पालकों की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहती है। जाहिर सरकार को आशंका है कि यदि गायों को छोड़ने पर जुर्माना लगाया तो उसको चुनाव में नुकसान हो सकता है। इसके लिए सरकार ने नया रास्ता निकाला है। सरकार ने किसानों को ऑफर दिया है कि यदि वे गाय पालते हैं तो उनको 900 रुपए प्रति गाय के हिसाब से हर महीने अनुदान दिया जाएगा। इसके बदले उनको अपने खेतों में गोबर की खाद का इस्तेमाल करना होगा। इसके अलावा दुग्ध उत्पादन से भी किसानों की आमदनी में वृद्धि हो सकेगी।



पशुओं से जुड़े कुछ अहम कानून




  • हर जीवित प्राणी के प्रति सहानुभूति रखना भारत के हर नागरिक का मूल कर्तव्य है।


  • क्रूएलिटी एक्ट में कोई भी पशु, मुर्गी समेत सिर्फ बूचड़खाने में ही काटा जाएगा।

  • बीमार और गर्भ धारण कर चुके पशुओं को मारा नहीं जाएगा।

  • प्रिवेंशन ऑफ क्रूएलिटी ऑन एनिमल्स एक्ट और फूड सेफ्टी रेगुलेशन में इस बात पर स्पष्ट नियम हैं।

  • पशु को मारना भारतीय दंड संहिता की धारा 428 और 429 के मुताबिक किसी पशु को मारना या अपंग करना भले ही वो बेसहारा क्यों न हो, दंडनीय अपराध है।

  • पशु को छोड़ना प्रिवेंशन ऑफ क्रूएलिटी ऑन एनिमल्स एक्ट, पीसीए के मुताबिक किसी पशु को आवारा छोड़ने पर 3 महीने की सजा हो सकती है।

  • खाना-पानी न देना अपराध, जानवर को पर्याप्त भोजन, पानी, शरण देने से इनकार करना और लंबे समय तक बांधे रखना दंडनीय अपराध है। इसके लिए जुर्माना या 3 महीने की सजा या फिर दोनों हो सकते हैं।

  • पशुओं को असुविधा में रखकर दर्द पहुंचाकर या परेशान करते हुए किसी भी गाड़ी में एक जगह से दूसरी जगह ले जाना मोटर व्हीकल एक्ट और पीसीए एक्ट के तहत दंडनीय अपराध है।

  • पशुओं को लड़ने के लिए भड़काना, ऐसी लड़ाई का आयोजन करना या उसमें हिस्सा लेना संज्ञेय अपराध है।

  • स्लॉटरहाउस रूल्स-2001 के मुताबिक देश के किसी भी हिस्से में पशु बलि देना गैरकानूनी है।

  • किसी भी जंगली जानवर को पकड़ना, फंसाना, जहर देना या लालच देना दंडनीय अपराध है। इसके दोषी को 7 साल तक की सजा या 25 हजार रुपए का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।


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