दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी के 42वें स्थापना दिवस पर पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने परिवारवाद पर निशाना साधा। पीएम ने कहा कि परिवारवादी पार्टियां सिर्फ अपने परिवार के हितों के लिए काम करती हैं। परिवारवादी पार्टियां लोकतंत्र की सबसे बड़ी दुश्मन हैं। पीएम मोदी ने तंज कसते हुए कहा कि हमारे देश में दशकों तक कुछ राजनीतिक दलों ने सिर्फ वोट बैंक की राजनीति की है।
देश में दो तरह की राजनीति
पीएम मोदी ने कहा कि देश में दो तरह की राजनीति चल रही है। एक राजनीति है परिवारभक्ति की और दूसरी है राष्ट्रभक्ति की। केंद्रीय स्तर पर अलग-अलग राज्यों में कुछ राजनीतिक दल हैं जो सिर्फ और सिर्फ अपने-अपने परिवार के हितों के लिए काम करते हैं। परिवारवादी सरकारों में परिवार के सदस्यों का स्थानीय निकायों से लेकर संसद तक में दबदबा रहता है।
परिवारवादी पार्टियों ने किया विश्वासघात
पीएम ने कहा कि ये लोग भले ही अलग-अलग राज्यों में हों, लेकिन परिवारवाद के तार से जुड़े रहते हैं। एक-दूसरे के भ्रष्टाचार को ढककर रखते हैं। बीते दशकों में इस वजह से देश का बहुत बड़ा नुकसान हुआ है। इन परिवारवादी पार्टियों ने देश के युवाओं को भी कभी आगे नहीं बढ़ने दिया। उनके साथ हमेशा विश्वासघात किया है।
परिवारवादी पार्टियां लोकतंत्र की दुश्मन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज हमें गर्व होना चाहिए कि आज भाजपा ही एकलौती पार्टी है जो इस चुनौती से देश को सजग और सतर्क कर रही है। पहली बार भाजपा ने ही इसके खिलाफ बोलना शुरू किया और इसे चुनावी मुद्दा भी बनाया। पीएम ने कहा कि देश के लोग और देश के युवा अब धीरे-धीरे ये समझने लगे हैं कि किस तरह परिवारवादी पार्टियां लोकतंत्र की सबसे बड़ी दुश्मन हैं।
बीजेपी ने वोट बैंक की राजनीति को टक्कर दी
भेदभाव और भ्रष्टाचार ये सब वोट बैंक की राजनीति का साइड इफेक्ट था। लेकिन भाजपा ने न सिर्फ वोट बैंक की राजनीति को टक्कर दी, बल्कि इसके नुकसान भी देशवासियों को समझाने में सफल रही। भाजपा की नेक नीयत, नेक इरादों से किए जा रहे कार्यों को जनता का भरपूर आशीर्वाद मिल रहा है।
अंत्योदय में बीजेपी की वैचारिक निष्ठा
पीएम मोदी ने कहा कि आज देश में ऐसी सरकार है, जिसकी वैचारिक निष्ठा अंत्योदय में है। गरीबों, दलितों, पिछड़ों और महिलाओं के हितों और उनके उत्थान के लिए काम करना हमारी पार्टी के मूल संस्कार हैं। इसलिए आज दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों, किसानों और नौजवानों के साथ ही जिस तरह महिलाएं भाजपा के पक्ष में मजबूती से खड़ी हुई हैं, वो अपने आप में एक नए युग की ताकत का प्रतिबिंब है। पिछले कई चुनावों में हमने लगातार देखा है कि भाजपा का विजय तिलक करने के लिए सबसे आगे हमारी माताएं-बहनें आती हैं।