एथलीट्स पर विशेष तौर पर हम ये गर्व कर सकते हैं कि उन्होंने दिल ही नहीं जीता, उन्होंने आने वाली पीढ़ियों को भारत की युवा पीढ़ी को प्रेरित करने का बहुत बड़ा काम किया है। मोदी के भाषण के 7 मुख्य पॉइंट...
एथलीट्स पर गर्व, आजादी के वीरों को नमन
मोदी ने ओलंपिक खिलाड़ियों के लिए तालियां बजवाईं। उन्होंने कहा कि एथलीट्स पर विशेष तौर पर हम ये गर्व कर सकते हैं कि उन्होंने दिल ही नहीं जीता, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भारत की युवा पीढ़ी को प्रेरित करने का बहुत बड़ा काम किया। आजादी के अमृत महोत्सव के पावन पर्व पर देश सभी स्वतंत्रता सेनानियों और राष्ट्र रक्षा में खुद को आहूत करने और खपाने वाले वीर-वीरांगनाओं को देश नमन कर रहा है। आजादी को जन आंदोलन बनाने वाले बापू हों या सब कुछ न्योछावर करने वाले नेताजी हों, भगत सिंह, आजाद, बिस्मिल और अशफाक उल्ला खां, झांसी की लक्ष्मी बाई या चित्तूर की रानी कनम्मा हों, देश के पहले प्रधानमंत्री नेहरू हों, सरदार पटेल हों, दिशा देने वाले अंबेडकर हों, देश हर व्यक्ति और व्यक्तित्व को याद कर रहा है।
14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस रहेगा
मोदी ने कहा, बंटवारे का दर्द आज भी हिंदुस्तान के सीने को छलनी करता है। ये पिछली शताब्दी की सबसे बड़ी त्रासदी है। आजादी के बाद इन लोगों को बहुत ही जल्द भुला दिया गया। कल भारत ने एक भावुक निर्णय लिया है। अब से हर साल 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाएगा। जो लोग विभाजन के समय अमानवीय हालात से गुजरे, उनका हमारी स्मृतियों में जीवित रहना जरूरी है।
कोरोना वैक्सीन में आत्मनिर्भर रहे
प्रधानमंत्री के मुताबिक, देश के सामने कोरोना का कालखंड चुनौती के रूप में आया। हमने धैर्य के साथ इस लड़ाई को लड़ा। हर क्षेत्र में हम देशवासियों ने असाधारण गति से काम किया है। हमारे उद्यमियों की मेहनत का परिणाम है कि भारत को वैक्सीन के लिए किसी और देश पर निर्भर नहीं होना पड़ा। पल भर सोचिए कि अगर भारत के पास अपनी वैक्सीन नहीं होती तो क्या होता। पोलियो की वैक्सीन पाने में हमारे कितने साल बीत गए। इतने बड़े संकट में, जब पूरी दुनिया में महामारी हो तो वैक्सीन कैसे मिलती। भारत को मिलती या नहीं, या कब मिलती। पर आज गर्व से कह सकते हैं कि दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन प्रोग्राम हमारे देश में चल रहा है।
समृद्ध देशों के पास जो सुविधाएं हैं, हमारे पास वो नहीं हैं। दूसरी तरफ हमारे यहां जनसंख्या भी ज्यादा है। हमारी जीवनशैली भी कुछ अलग है। सामान्य प्रयासों के बाद भी कितने ही लोगों को हम बचा नहीं पाए। कितने ही बच्चों के सिर पर हाथ फेरने वाला चला गया। उसे दुलारने, उसकी जिद पूरी करने वाला चला गया। ये असहनीय पीड़ा और तकलीफ साथ रहने वाली है।
देश को मोदी का नया मंत्र
प्रधानमंत्री ने लाल किले से कहा, 'सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास। इसी श्रद्धा के साथ हम सब जुट चुके हैं। सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास और अब सबका प्रयास हमारे लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। 7 साल में शुरू हुई अनेक योजनाओं का लाभ करोड़ों गरीबों के घरों तक पहुंचा है। उज्ज्वला योजना आयुष्मान भारत की ताकत देश जानता है। सरकारी योजनाएं निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त कर रही है। हम तेजी से आगे बढ़े, पर बात पूरी नहीं होती। हमें पूर्णता तक जाना है। 100 प्रतिशत गांवों में सड़कें हों, बैंक अकाउंट हों, लाभार्थी को आयुष्मान कार्ड हो, उज्ज्वला योजना और गैस कनेक्शन हो, सरकार की बीमा, पेंशन, आवास योजना हो, सबसे हकदार लोग जुड़ें।
नए भारत के सृजन का अमृत काल
मोदी ने कहा, 75 वर्ष के अवसर को हमें एक समारोह तक ही सीमित नहीं करना, नए संकल्पों को लेकर चल पड़ना है। यहां से शुरू होकर अगले 25 वर्ष की यात्रा, जब आजादी की शताब्दी मनाएंगे। नए भारत के सृजन का अमृत काल है। हमारे संकल्पों की सिद्धि आजादी के 100 साल तक ले जाएगी। अमृत काल का लक्ष्य ऐसे भारत का निर्माण है, जहां सुविधाओं का स्तर गांव और शहर को बांटने वाला न हो। ऐसे भारत का निर्माण, जहां नागरिकों के जीवन में सरकार बेवजह दखल न दे। जहां दुनिया का हर आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर हो, हम किसी से कम न हों।
100 लाख करोड़ की योजना से मिलेगा एम्प्लॉयमेंट
प्रधानमंत्री के मुताबिक, उड़ान योजना नई जगहों को जोड़ रही है। सौ लाख करोड़ से भी ज्यादा की योजना लाखों नौजवानों के लिए रोजगार लाएगी। गति शक्ति देश के लिए ऐसा नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर का मास्टर प्लान होगा। गति शक्ति सभी रोड़ों को और कठिनाइयों को हटाएगी। सामान्य आदमी के ट्रेवल टाइम में कमी होगी, मैन्यूफैक्चरर्स को मदद होगी।
ऑक्सीजन प्लांट बढ़ाएंगे
मोदी ने यह भी कहा कि सरकार ने मेडिकल शिक्षा में जरूरी सुधार किए हैं। आयुष्मान भारत योजना के तहत देश के गांव-गांव तक क्वालिटी स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाई जा रही हैं। गरीब और मध्यम वर्ग को सस्ती दवाएं दी जा रही है। 75 हजार से ज्यादा हेल्थ और वेलनेस सेंटर बनाए जा चुके हैं। जल्द देश के हजारों अस्पतालों के पास अपने ऑक्सीजन प्लांट भी होंगे।