नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 अक्टूबर को देश को 35 PSA ऑक्सीजन प्लांट की सौगात दी, जिसमें भोपाल के भी दो प्लांट शामिल हैं। पीएम (Prime Minister) ने ऋषिकेश स्थित एम्स में हो रहे कार्यक्रम से इसका लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि कोरोना से लड़ाई में ऑक्सीजन सप्लाई से लेकर वैक्सीन तक की चुनौती थी। साथ ही कहा कि सरकार हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज खोलना चाहती है। पीएम ने आगे ये भी कहा कि कोरोना से लड़ाई में बड़ी जनसंख्या तो एक चुनौती थी ही, साथ ही हमारी भौगोलिक स्थिति भी चुनौती थी। यह चुनौती देश के सामने आती रहीं। देश इनसे कैसे लड़ा हर देशवासी के लिए जानना बहुत जरूरी है। सामान्य दिनों में एक दिन में 900 मीट्रिक टन लिक्विड ऑक्सीजन का प्रोडक्शन होता था। डिमांड बढ़ते ही भारत ने इसका प्रोडक्शन दस गुना से भी ज्यादा बढ़ाया। दुनिया के किसी भी देश के लिए यह अकल्पनीय लक्ष्य था, लेकिन भारत ने इसे हासिल करके दिखाया। ये प्लांट प्रेशर स्विंग एडजॉर्प्शन (PSA) तकनीक पर बनाए गए हैं यानी प्लांट हवा से ऑक्सीजन बनाएंगे।
भोपाल में दो प्लांट
भोपाल के जयप्रकाश (JP) जिला अस्पताल में 1000 लीटर प्रति मिनट (LPM) के 2 PSA ऑक्सीजन प्लांट प्रधानमंत्री केयर फंड (PM Care Fund) से बनाए गए हैं। इनके चालू होने से जेपी अस्पताल में 200 मरीजों की ऑक्सीजन की जरूरत को पूरा किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत कई मंत्री भी लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल होंगे।
भोपाल के CMHO डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि प्लांट समय सीमा (Time Limit) में पूरे किए गए हैं। इससे पहले भोपाल के बैरागढ़ और कोलार सिविल अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट का लोकार्पण हो चुका है। जेपी अस्पताल के प्लांट मरीज से 10 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन दी जा सकेगी।
एक सिलेंडर रीफिल कराने में सवा दो सौ का खर्च
अस्पतालों में अभी 15 जंबो ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत होती है। एक सिलेंडर में करीब 7500 लीटर ऑक्सीजन आती है। एक सिलेंडर रीफिल (Refill) कराने में करीब 222 से 224 रुपए तक का खर्च आता है। इससे सिलेंडर का ट्रांसपोर्टेशन, ढुलाई समेत करीब डेढ़ लाख की भी बचत होगी। अस्पताल में प्लांट से मरीज बेड तक सीधे ऑक्सीजन की सप्लाई होगी। किसी कारण प्लांट बंद होने पर आधे घंटे तक लगातार सप्लाई के लिए ऑक्सीजन स्टोर रहने की सुविधा है। बिजली गुल होने पर भी प्लांट लगातार चलता रहेगा।