गुरु पर्व पर मोदी का 18 मिनट का भाषण: तीनों कृषि कानून वापस लेने का ऐलान

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गुरु पर्व पर मोदी का 18 मिनट का भाषण: तीनों कृषि कानून वापस लेने का ऐलान

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 19 नवंबर को करीब 18 मिनट देश को संबोधित किया। उन्होंने एक बड़ा ऐलान किया। कहा कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले रही है। शीतकालीन सत्र में ही इसे वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। मोदी की घोषणा से एक साल से प्रदर्शन कर रहे किसानों की जीत हो गई। सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा।सबसे पहले उन्होंने प्रकाश पर्व (गुरु नानक जयंती) की बधाईू दी। उन्होंने नानक की सीख का जिक्र करते हुए कहा कि गुरु साहब ने सेवा को प्रमुख माना था। हमारी सरकार भी सेवाभाव से लोगों का जीवन आसान बनाने में जुटी है। ना जाने कितनी पीढ़ियां जिन सपनों को सच होते देखना चाहती थीं, भारत उन्हें साकार करने की कोशिश कर रहा है। यह भी बेहद सुखद है कि डेढ़ साल बात करतारपुर साहिब कॉरिडोर फिर से खुल गया है। कोरोना काल में प्रधानमंत्री का ये 11वां संबोधन है।

क्या बोले मोदी?

मोदी ने कहा कि हम तीन किसान कानून लाए गए थे। किसानों को उपज का सही दाम मिले, ये कोशिश की गई। कानून बनने से पहले संसद में बाकायदा मंथन हुआ। हमारी सरकार किसान, खासकर छोटे किसानों के लिए पूरे समर्पण भाव से ये कानून लाई थी। इसमें किसानों के हित के बात थी। हम कुछ किसानों को समझा नहीं पाए। किसानों का एक वर्ग विरोध कर रहा था। कृषिशास्त्रियों, विशेषज्ञों ने भी उन्हें समझाने की कोशिश की। हमने उनके तर्कों को समझने की कोशिश की। उन्हें जिस बात पर ऐतराज था, सरकार उन्हें बदलने के लिए तैयार थी। फिर ये विषय सुप्रीम कोर्ट के पास चला गया। मैं देशवासियों से क्षमा मांगते हुए कहना चाहता हूं कि हमारी तपस्या में कोई कमी रही होगी, जिसमें दीये के प्रकाश जैसा सत्य हम किसान भाइयों को समझा नहीं पाए। आज प्रकाश पर्व है। किसी को दोष देने का समय नहीं है। मैं पूरे देश को बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानूनों को वापस ले रहे हैं। इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे इसी शीतकालीन सत्र में इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। सभी आंदोलनरत भाइयों से आग्रह करता हूं कि आज प्रकाश पर्व है। आप लोग अपने खेत में लौटें, अपने परिवार के बीच लौटें। आइए नई शुरुआत करते हैं। मैं और मेहनत करूंगा, ताकि आपके सपने साकार हो सकें।

सरकार ने किसानों, कृषि के लिए कई काम किए

प्रधानमंत्री ने कहा- मैंने किसानों की परेशानियों और चुनौतियों को बहुत करीब से देखा है। जब देश ने मुझे 2014 में प्रधानमंत्री के तौर पर देश की सेवा का मौका दिया तो हमने किसान कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। बहुत लोग अनजान हैं कि देश के 100 में से 80 किसान छोटे किसान हैं। उनके पास 2 हेक्टेयर से भी कम जमीन है। इनकी संख्या 10 करोड़ से भी ज्यादा है। उनकी जिंदगी का आधार यही छोटी सी जमीन का टुकड़ा है।

किसान इसी जमीन से अपने परिवार का गुजारा करते हैं, इसलिए देश के छोटे किसानों की परेशानियों को दूर करने के लिए बाजार, बीमा, बीज और बचत पर चौतरफा काम किया। हमने किसानों को अच्छी क्वालिटी के बीज के साथ नीम कोटेड यूरिया और सॉयल हेल्थ कार्ड जैसी सुविधा दी। इन प्रयासों से प्रोडक्शन बढ़ा। हमने फसल बीमा योजना से ज्यादा से ज्यादा किसानों को जोड़ा। बीते चार साल में एक लाख करोड़ से अधिक का मुआवजा किसान भाई-बहनों को मिला।

हम छोटे किसानों के लिए बीमा और पेंशन की सुविधा भी लाए। हम उनकी सुविधाओं को ध्यान रखते हुए उनके खातों में सीधे एक लाख 62 हजार करोड़ रुपए ट्रांसफर किए। उन्हें उनकी उपज की सही कीमत मिले, इसके लिए भी कई कदम उठाए। इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेहतर किया, MSP बढ़ाई। इससे उपज के पिछले कई रिकॉर्ड टूटे। देश की मंडियों को ईनाम योजना से जोड़कर किसानेां को अपनी उपज कहीं भी बेचने का प्लेटफॉर्म दिया। कृषि मंडियों पर करोड़ों रुपए खर्च किए। पहले के मुकाबले देश का कृषि बजट 5 गुना बढ़ गया है।

पिछले साल तीनों कानूनों पर सरकार ने मुहर लगाई थी

तीनों नए कृषि कानूनों को 17 सितंबर 2020 को लोकसभा ने मंजूर किया था। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तीनों कानूनों के प्रस्ताव पर 27 सितंबर 2020 को साइन किए थे। इसके बाद से ही किसान संगठनों ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया था। 19 नवंबर 2021 यानी 14 महीने बाद प्रधानमंत्री ने तीनों कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर दी। 

मोदी का बड़ा ऐलान

ये है मोदी की तीनों कृषि कानून हटाने की घोषणा...

कोरोना काल में मोदी के 11 संबोधन

  • पहला (19 मार्च 2020)- जनता कर्फ्यू की अपील की थी। मोदी ने कहा था कि यह कर्फ्यू जनता द्वारा जनता के लिए होगा। 29 मिनट के भाषण में मोदी ने पहली बार जनता को कोरोना को लेकर आगाह किया था। 

  • दूसरा (24 मार्च 2020)- पीएम ने 24 मार्च की रात 8 बजे देश को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने 21 दिन के लॉकडाउन का ऐलान किया था। इस दौरान जरूरी को छोड़कर सभी सेवाओं को बंद करने की घोषणा की। 
  • तीसरा (3 अप्रैल 2020)- मोदी ने लोगों से अपील की थी कि वे 9 बजे 9 मिनट के लिए लाइटें बंद कर दें और मिट्टी के दीये जलाएं। पीएम ने ऐसा करके कोरोना के खतरे का सामना कर रहे लोगों से संकट की घड़ी में एकजुटता का संदेश देने की अपील की थी। 
  • चौथा (14 अप्रैल 2020)- देश में 3 मई तक लॉकडाउन बढ़ाने का ऐलान किया। 
  • पांचवां (12 मई 2020)- कोरोना के चलते आर्थिक संकट से जूझ रही अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए मोदी ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए 20 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान किया। पीएम ने लोगों से संकट को अवसर में बदलने की अपील की थी। 
  • छठवां (30 जून 2020)- अन्न योजना नवंबर तक बढ़ाने का ऐलान किया। इसके तहत देश के 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। यह योजना कोरोना संकट झेल रहे गरीबों के लिए शुरू की गई थी। 
  • सातवां (20 अक्टूबर 2020)- लोगों से अपील की थी कि जब तक कोरोना की दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं। मोदी ने ये भी कहा था कि कोरोना के केस कम हो रहे हैं। ऐसे में लोग लापरवाही बरत रहे हैं। लोग ऐसा करके खुद को और परिवार को संकट में डाल रहे हैं। 
  • आठवां (20 अप्रैल 2021)- कोरोना से देश में बिगड़ती स्थिति के बीच मोदी ने देश को संबोधित किया था। इसमें पीएम ने COVID-19 की दूसरी लहर से एक साथ लड़ने पर जोर दिया था। प्रधानमंत्री ने कहा था कि भारत का टीकाकरण कार्यक्रम अच्छी गति और कवरेज के साथ आगे बढ़ रहा है। इस दौरान उन्होंने राज्यों से कहा था कि देश को लॉकडाउन से बचाना है, राज्य इसे आखिरी विकल्प मानें।  
  • नौवां (7 जून 2021)- पीएम मोदी ने नई वैक्सीन नीति का ऐलान किया। इसके तहत केंद्र ने वैक्सीन की जिम्मेदारी खुद ली. इसके अलावा गरीब कल्याण अन्न योजना को दिवाली छठ तक बढ़ाने का ऐलान किया। 
  • दसवां (22 अक्टूबर 2021)- मोदी ने कोरोना वैक्सीन की 100 करोड़ डोज को लेकर बात की। पीएम मोदी ने इसे पूरे देश की सफलता बताया। 
  • ग्यारहवां (19 नवंबर 2021)- प्रधानमंत्री ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया।
  • PM Narendra Modi प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी pmo The Sootr Address to the Nation Plans देश के नाम संबोधन पीएमओ ने दी जानकारी योजनाओं का ऐलान संभव