प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार(6 जनवरी 2022) को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की। पीएम ने पंजाब में उनके काफिले में हुए सुरक्षा उल्लंघन की पूरी जानकारी राष्ट्रपति को दी। मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के मसले पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी चिंता जताई। इसी सिलसिले में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडु ने पीएम मोदी से बात की है।
President Ram Nath Kovind met Prime Minister Narendra Modi at the Rashtrapati Bhavan today and received from him a first-hand account of the security breach in his convoy in Punjab yesterday. The President expressed his concerns about the serious lapse. pic.twitter.com/lzvAuriuGb
— President of India (@rashtrapatibhvn) January 6, 2022
उपराष्ट्रपति ने भी की पीएम मोदी से बात: उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने पंजाब दौरे के दौरान सुरक्षा चूक पर पीएम मोदी से बात की और गहरी चिंता व्यक्त की। प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई इस चूक पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए, उपराष्ट्रपति ने अपेक्षा की कि सुरक्षा प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के लिए कठोर कदम उठाए जाएं जिससे भविष्य में दोबारा इस प्रकार की चूक न हो।
हाईलेवक कमिटी का गठन, SC पहुंचा मामला: मोदी के काफिले के फंसने को सुरक्षा में गंभीर चूक का मामला माना गया और इसे लेकर भाजपा ने कांग्रेस की पंजाब सरकार पर तीखा हमला बोला। इससे पहले गुरुवार को सुबह यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंच गया, जिस पर शुक्रवार को सुनवाई होने वाली है। इसके अलावा पंजाब सरकार की ओर से सुरक्षा में चूक की जांच के लिए एक हाईलेवल कमिटी के गठन का भी फैसला लिया गया है।
ये है पूरी मामला: बुधवार (5 जनवरी 2022) को पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फिरोजपुर में दौरा था। भारी बारिश के कारण पीएम को सड़क मार्ग से जाना पड़ा लेकिन इस दौरान हुसैनीवाला से 30 किलोमीटर दूर रास्ते में प्रदर्शनकारी मिल गए जिस कारण उनका काफिला तकरीबन 20 मिनट बेहद असुरक्षित क्षेत्र में रुका रहा। जिस इलाके में पीएम मोदी का काफिला रुका था, वह आतंकियों के अलावा हेरोइन तस्करों का गढ़ माना जाता है। पिछले साल सितंबर माह में इसी क्षेत्र में आतंकी वारदात को अंजाम दिया गया था। लिहाजा केंद्रीय गृह मंत्रालय के अलावा पीएम सिक्योरिटी के तमाम अधिकारियों के चेहरे पर शिकन पैदा होना जायज था। इसके बाद से पंजाब में सियासत गरमा गई थी।