नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 दिसंबर को इस साल की आखिरी मन की बात को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि 140 करोड़ वैक्सीन लगाना एक उपलब्धि है। ये जनशक्ति की ही ताकत है कि हम 100 साल में आई सबसे बड़ी महामारी से लड़ सके। हर मुश्किल समय में एक-दूसरे के साथ खड़े रहे। जिससे जो बना, उससे ज्यादा करने की कोशिश की।
नए वैरिएंट का अध्ययन कर रहे
मोदी ने कहा कि कोरोना का जो नया वैरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) आया है, उसका अध्ययन हमारे वैज्ञानिक लगातार कर रहे हैं। रोज उन्हें नया डेटा मिल रहा है। उनके सुझावों पर रोज काम हो रहा है। खुद की सजगता, खुद का अनुशासन, कोरोना के इस नए वैरिएंट के खिलाफ देश की एक बहुत बड़ी शक्ति है। हमारी सामूहिक शक्ति ही कोरोना को हराएगी। इसी के साथ ही हमें 2022 में प्रवेश करना है।
कमियों को दूर कर शिखर पर जा सकते हैं
पीएम ने कहा कि महाभारत के युद्ध के समय भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा था- ‘नभः स्पृशं दीप्तम्’ यानी गर्व के साथ आकाश को छूना। ये भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य भी है। मां भारती की सेवा में लगे अनेक जीवन आकाश की इन बुलंदियों को रोज गर्व से छूते हैं, हमें बहुत कुछ सिखाते हैं। ऐसा ही एक जीवन रहा ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का...वरुण सिंह भी मौत से कई दिन तक जांबाजी से लड़े, लेकिन फिर वो भी हमें छोड़कर चले गए। वरुण सिंह उस हेलिकॉप्टर को उड़ा रहे थे, जो इस महीने तमिलनाडु में हादसे का शिकार हो गया। उस हादसे में, हमने देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी समेत कई वीरों को खो दिया। वरुण जब अस्पताल में थे, उस समय मैंने सोशल मीडिया पर कुछ ऐसा देखा, जो मेरे हृदय को छू गया।
इस साल अगस्त में वरुण को शौर्य चक्र दिया गया था। इस सम्मान के बाद उन्होंने अपने स्कूल के प्रिंसिपल को एक चिट्ठी लिखी थी। वो चाहते थे कि जिस स्कूल में वो पढ़े, वहां के विद्यार्थियों की जिंदगी भी एक सेलिब्रेशन बने। इस चिट्ठी को पढ़कर मेरे मन में पहला विचार यही आया कि सफलता के शीर्ष पर पहुंचकर भी वे जड़ों को सींचना नहीं भूले। जब उनके पास सेलिब्रेट करने का समय था, तो उन्होंने आने वाली पीढ़ियों की चिंता की। अपने पत्र में वरुण ने अपने पराक्रम का बखान नहीं किया, बल्कि अपनी असफलताओं की बात की। कैसे उन्होंने अपनी कमियों को काबिलियत में बदला, इसकी बात की।
एग्जाम से पहले स्टूडेंट्स से बात करूंगा
मोदी ने कहा कि इस साल भी एग्जाम से पहले मैं स्टूडेंट्स के साथ चर्चा करने की प्लानिंग कर रहा हूं। इसके लिए 28 दिसंबर से mygov.in पर इसके लिए रजिस्ट्रेशन भी शुरू हो रहे हैं। ये रजिस्ट्रेशन 20 जनवरी तक चलेंगे। इसके लिए क्लास 9 से 12 तक स्टूडेंट्स, टीचर, पेरेंट्स के लिए ऑनलाइन कॉम्पिटीशन भी आयोजित होगा।
गंदगी ना फैलाएं
प्रधानमंत्री ने कहा कि बहुत से लोग किसी जगह जाने का सपना देखते हैं, लेकिन जब वहां जाते हैं तो जाने-अनजाने कचरा भी फैला आते हैं। ये हर देशवासी की जिम्मेदारी है कि जो जगह हमें इतनी खुशी देती है, हम उसे अस्वच्छ ना करें। मुझे saafwater नाम के स्टार्टअप का पता लगा है, जिसे कुछ युवाओं ने शुरू किया है। ये आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इंटरनेट के माध्यम से लोगों को उनके इलाके में पानी की शुद्धता के बारे में जानकारी देगा।
अरुणाचल-गोवा का भी जिक्र किया
मोदी ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश के लोगों ने सालभर से एक अनूठा अभियान चला रखा है। इसे नाम दिया है- अरुणाचल प्रदेश एयरगन सरेंडर कैंपेन। इसमें लोग अपनी मर्जी से एयरगन सरेंडर कर रहे हैं। ऐसा इसलिए ताकि प्रदेश में पक्षियों का अंधाधुंध शिकार रुक सके। अरुणाचल 500 से भी ज्यादा प्रजातियों का घर है। इनमें कुछ ऐसी भी प्रजातियां शामिल हैं, जो दुनिया में कहीं और नहीं पाई जातीं। धीरे-धीरे जंगलों में पक्षियों की संख्या में कमी आने लगी है। इसे सुधारने के लिए ही एयरगन अभियान शुरू किया गया है।
गोवा में पुर्तगाली शासन के दौरान वहां से पलायन करने वाले लोगों ने एक अद्भुत चित्रकला से परिचय कराया है। समय के साथ ये चित्रकला लुप्त होती जा रही थी। सागर मुले ने इस कला में नई जान फूंक दी है। उनके प्रयास को काफी सराहना भी मिल रही है।
भारत की संस्कृति का दुनियाभर में सम्मान
पीएम ने बताया कि दुनिया में भारतीय संस्कृति को जानने की ललक बढ़ रही है। कई देशों के लोग ना केवल हमारी संस्कृति के बारे में जानने के लिए उत्सुक हैं, बल्कि इसे बढ़ाने के लिए भी मदद कर रहे हैं। सर्बिया के विद्वान डॉ. मोमिर निकिच ने संस्कृत और सर्बियाई भाषा की डिक्शनरी तैयार की है। इसमें संस्कृत के 70 हजार शब्दों का सर्बियन में ट्रांसलेशन किया गया है।
द-सूत्र ऐप डाउनलोड करें :
द-सूत्र को फॉलो और लाइक करें:
">Facebook | Twitter | Instagram | Youtube