5 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला (PM Modi Kafila controversy) फंसने के बाद से हंगामा बरपा हुआ है। ये काफिला हुसैनीवाला में तलवाई भाई से कुछ ही दूरी पर करीब 20 मिनट तक अटका रहा था। यहां से महज 30 किलोमीटर दूर इंडिया और पाकिस्तान की बॉर्डर (India pak border) है। इस एरिया में लगातार टिफिन बम और अन्य विस्फोटक पदार्थ मिलते रहे हैं। इस कारण सुरक्षा बलों की भी सांसे अटक गई थी।
इसलिए पैदा हुई थी शिकन: जलालाबाद कस्बे में 15 सितंबर 2021 में धमाका हुआ, वह भी फिरोजपुर के नजदीक है और केंद्रीय एजेंसियों की जांच में साफ हो चुका है कि वह आतंकी हमला (terrorist attack) था। ये एरिया आंतकियों के अलावा हेरोइन तस्करों का गढ़ भी माना जाता रहा है। लिहाजा केंद्रीय गृह मंत्रालय (Home minsitry) के अलावा पीएम सिक्योरिटी के तमाम अधिकारियों के चेहरे पर शिकन पैदा होना जायज था।
अचानक चीजें बिगड़ती चली गई: पीएम बठिंडा एयरपोर्ट पर उतरने के बाद सड़क के रास्ते फिरोजपुर के लिए रवाना हुए। उनका काफिला बठिंडा-फिरोजपुर फोरलेन से होते हुए निकला। SPG प्रोटोकॉल के तहत PM के आने-जाने के लिए जो रूट इस्तेमाल किया जाता है, उस रूट की हर तरह से जांच की जाती है। इस रास्ते पर सुबह 7 बजे से 9 बजे तक कहीं कोई रूकावट नहीं थी। लेकिन दोपहर के 12 बजे तक चीजें अचानक बिगड़ने लगी। इस दौरान यहां किसान संगठनों के सदस्य व शरारती तत्व पहुंचने में कामयाब रहे।
PM बोले- मैं जिंदा एयरपोर्ट पहुंच गया: बारिश और खराब विजिबिलिटी के चलते PM ने करीब 20 मिनट तक मौसम साफ होने का इंतजार किया। रैली रद्द होने के बाद जब नरेंद्र मोदी बठिंडा एयरपोर्ट (Bathinda Airport) वापस पहुंचे तो उन्होंने भी पंजाब की कांग्रेस सरकार (Congress Govt) पर तंज कसा। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मोदी ने एयरपोर्ट के अधिकारियों से कहा- अपने मुख्यमंत्री को मेरा धन्यवाद कहना कि मैं बठिंडा एयरपोर्ट तक जिंदा पहुंच सका।