UDAIPUR: कन्हैया के हत्यारों का पाकिस्तानी कनेक्शन सामने आया, कराची में ली  ट्रेनिंग, स्लीपर सेल से राजस्थान को जलाने की साजिश 

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Vivek Sharma
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UDAIPUR: कन्हैया के हत्यारों का पाकिस्तानी कनेक्शन सामने आया, कराची में ली  ट्रेनिंग, स्लीपर सेल से राजस्थान को जलाने की साजिश 

Udaipur. राजस्थान के उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या मामले(Kanhaiya Lal Murder Case) में चौकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। एनआईए (NIA) इस मामले की सघनता से जांच कर रही है। पूरे देश को हिला देने वाले इस हत्याकांड की परतें धीरे-धीरे खुलती जा रही हैं। साथ ही इस घटना के खिलाफ राजस्थान में अभी भी तनाव का माहौल बना हुआ हैा एनआईए के अनुसार हत्या करने वाले रियाज जब्बार और गौस मोहम्मद(Riyaz Jabbar and Ghaus Mohammad) राजस्थान के 8 जिलों में ISIS के लिए स्लीपर सेल(sleeper cell) बना रहे थे। रियाज ने इसके लिए पाकिस्तान के कराची में आतंक की ट्रेनिंग(terror training) भी ली थी। बताया जा रहा है कि दोनों की राजस्थान में आतंक फैलाने की बड़ी साजिश थी। दोनों आरोपियों के मंसूबे खतरनाक थे। दोनों स्लीपर सेल बना रहे थे। इनकी राजस्थान जलाने की मंशा थी। पूरे राज्य में दंगा भड़काने की कोशिश थी।





पाकिस्तानी मौलाना ने किया ब्रेनवॉश







आरोपियों के पाकिस्तान कनेक्शन(Pakistan Connection) होने की पुष्टि हुई है।  जानकारी के अनुसार रियाज जब्बार ने 20 साल पहले घर छोड़ दिया था। रोजगार की तलाश में उदयपुर आए रियाज का पाकिस्तान में बैठे एक मौलाना के जरिए ब्रेनवॉश कराया। उसकी शादी भी कराई और फिर ट्रेनिंग के लिए उसे और गौस मोहम्मद को पाकिस्तान भेजा। ट्रेनिंग के बाद रियाज ने गौस मोहम्मद को भी अपने साथ जोड़ लिया। दोनों उदयपुर, भीलवाड़ा, अजमेर, राजसमंद, टोंक, बूंदी, बांसवाड़ा,जोधपुर जिलों में गरीब और बेरोजगार युवाओं को उकसाकर स्लीपर सेल बना रहे थे। आशंका है कि ये स्लीपर सेल ISIS के लिए बनाए जा रहे थे। इसके लिए अरब देशों से फंडिंग भी की गई। दोनों आरोपियों ने करौली, जोधपुर, भीलवाड़ा के बाद उदयपुर में दंगा भड़काने के लिए कन्हैयालाल का मर्डर किया।





30 लोगों के साथ कराची में ट्रेनिंग







साल 2014 में रियाज और गौस मोहम्मद 30 लोगों के साथ पाकिस्तान के कराची गए। उनके साथ उदयपुर के वसीम अख्तरी और अख्तर राजा भी थे। यहां उन्हें आतंकी संगठनों ने ट्रेनिंग दी। 45 दिन की ट्रेनिंग के बाद 1 फरवरी 2014 को दोनों भारत वापस आ गए। दोनों दावत-ए-इस्लामी और पाकिस्तान के राजनीतिक दल तहरीक-ए-लब्बैक के सम्पर्क में थे। रियाज और गौस मोहम्मद फंडिंग के लिए 2014 और 2019 में सऊदी अरब और 2017-18 में नेपाल गए थे। सऊदी अरब में वे सलमान और अबू इब्राहिम के लगातार सम्पर्क में थे। यह दोनों भी दावते-ए-इस्लाम संगठन से जुड़े थे।





युवाओं को बरगला रहे थे





अरब देशों से मिली फंडिंग से दोनों ने पहले गरीब और बेरोजगार युवाओं की मदद की और उन्हें विश्वास में ले लिया। दोनों का मकसद राजस्थान में स्लीपर सेल का नेटवर्क तैयार करना था। रियाज और गौस मोहम्मद ने उदयपुर,बांसवाड़ा,जोधपुर, भीलवाड़ा, अजमेर, राजसमंद, टोंक, बूंदी जिलों के युवाओं को कई वॉट्सऐप ग्रुप से जोड़ा। ग्रुप में ब्रेनवॉश के लिए भड़काने वाले वीडियो डालते। रियाज युवाओं को दूसरे धर्म के लोगों पर हमला करने के लिए उकसाता। उनसे कहता- बदला लो या चूड़ियां पहन लो। रियाज ने वीडियो जारी कर उदयपुर के हिस्ट्रीशीटर और बदमाशों को भी हमले के लिए उकसाया था।





लगातार पाकिस्तान के संपर्क में था





सऊदी अरब के सलमान और अबू इब्राहिम ने नूपुर शर्मा के बयान के बाद रियाज व गौस को भी 'मिसाल कायम करने' के लिए कहा। इसके बाद 20 जून को उदयपुर में दोनों ने कुछ लोगों के साथ मीटिंग की और कन्हैयालाल को मारने का प्लान बनाया। NIA की जांच में भी सामने आया कि दोनों आरोपियों की पाकिस्तान के आठ से 10 मोबाइल नंबरों पर लगातार बातचीत हो रही थी। राजस्थान के गृह राज्यमंत्री राजेंद्र सिंह यादव ने भी खुलासा किया है कि दोनों पाकिस्तान और अरब देशों के लोगों से कॉन्टैक्ट में थे। इनके मोबाइल में पाकिस्तान और अरब देशों के नंबर मिले हैं। रियाज और गौस की पाकिस्तान के नंबरों पर खूब बातचीत होती थी। राज्यमंत्री यादव ने इनके कराची में ट्रेनिंग लेने का भी दावा किया है। बताया गया कि दोनों ने 2014-15 में करीब 15 दिन की ट्रेनिंग ली थी। पाकिस्तान के आका के बुलावे पर दोनों नेपाल के रास्ते वहां गए थे।





खुद बनाया हथियार







कन्हैयालाल को 15 जून से मारने की धमकियां मिल रही थी। कन्हैयालाल के पड़ोस दुकानदार और एक महिला पहले धमकाने आए थे। रियाज और गौस की पूरी टीम कन्हैयालाल के हर मूवमेंट पर नजर रख रही थी। गौस ने कन्हैयालाल को मारने के लिए गंडासे जैसा हथियार बनाया था। रियाज ने एक वीडियो बनाकर कन्हैयालाल के मर्डर का ऐलान कर दिया था। इसके बाद 28 जून को रियाज और गौस ने कन्हैयालाल के दुकान खोलने के कुछ घंटे बाद ही हत्या कर दी। दोनों ने हत्या का भी वीडियो बनाया। दोनों पूरी तरह से अपनी योजना में कामयाब रहे।





जयपुर में सीरियल ब्लास्ट की प्लानिंग 





एनआईए के अनुसार रियाज अत्तारी के तार आतंकी संगठन अलसूफा से भी जुड़े हैं। वह 5 साल से अलसूफा के लिए उदयपुर व आसपास के जिलों में काम कर रहा था। पहले वह मुजीब के अंडर में काम करता था। ढाई माह से वही इलाके में अलसूफा को लीड कर रहा था। 30 मार्च को चित्तौड़ के निम्बाहेड़ा में पुलिस ने 3 आतंकियों से 12 किलो विस्फोटक बरामद किया था। इससे जयपुर व अन्य जगह सीरियल ब्लास्ट की साजिश थी। टोंक निवासी मुजीब इसी मामले में जेल में बंद है। दूसरे आतंकी गौस मोहम्मद को रियाज ने कुछ महीने पहले टीम में शामिल किया था। रियाज मोबाइल, इंटरनेट कॉलिंग व सोशल मीडिया के जरिए आईएस के सीधे संपर्क में था, क्योंकि अलसूफा के ज्यादातर बड़े नाम निम्बाहेड़ा में विस्फोटक बरामदगी के मामले में जेल में हैं।





दाढ़ी पर हाथ लगा तो पुलिसवाले का पुतला फूंका







तालिबानी हत्याकांड के मुख्य आरोपी रियाज जब्बार और गौस मोहम्मद पुलिस की गिरफ्त में है। इस हत्याकांड का एक आरोपी रियाज जब्बार पहले भी इस तरह की हरकत कर चुका है। बताया जा रहा है कि जब्बार ने करीब एक साल पहले भी उदयपुर शहर में माहौल खराब करने की कोशिश की थी। उसने पुलिस के खिलाफ लोगों को भड़काया था और एक एएसआई का पुतला भी फूंका था।दोनों आरोपियों के बैकग्राउंड को लेकर नए-नए खुलासे हो रहे हैं। इन्होंने उदयपुर और भीलवाड़ा के साथ आसपास के कई इलाकों में दंगाइयों का नेटवर्क तैयार कर लिया है। इनमें से जब्बार ने करीब एक साल पहले उदयपुर शहर में लोगों को उकसाने की कोशिश की थी। बताया जा रहा है कि यहां आपस में लोगों में मामूली कहासुनी हो गई थी। पुलिस जब मामले को शांत कराने पहुंची तो जब्बार एएसआई से उलझ गया। एएसआई ने जब जब्बार को पकड़ने की कोशिश की तो उसकी दाढ़ी पर हाथ लग गया। इस घटना के बाद जब्बार ने मौके पर काफी लोगों को जमा कर लिया और प्रदर्शन किया। उसने माहौल बिगाड़ने के प्रयास में एएसआई का पुतला भी फूंका।







 



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