नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने 21 दिसंबर को लोकसभा में जानकारी दी कि एंटी नेशनल(Anti national) शब्द को संविधान में परिभाषित नहीं किया गया है। हालांकि, संविधान में गैरकानूनी गतिविधियों से सख्ती से निपटने के लिए कई तरह की कानूनी व्यवस्था की गई हैं।
औवेसी ने पूछा था सवाल
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी(asaduddin owaisi) ने संसद के शीतकालीन सत्र में सवाल पूछा था कि क्या संविधान में एंटी नेशनल यानी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों से निपटने के लिए कानून हैं। साथ ही उन्होंने सवाल किया था कि सुप्रीम कोर्ट की एंटी नेशनल गतिविधियों के खिलाफ क्या गाइडलाइन है(Supreme court guidelines on anti national)
इमरजेंसी के समय लाया गया था, बाद में हटाया
ओवैसी के सवाल का जवाब देते हुए गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय (Nityanand Rai) ने संसद में कहा कि इमरजेंसी(Emergency) के दौरान संविधान के 42वे संशोधन 1976 (42th Amendment, 1976) के जरिए अनुच्छेद 31D को शामिल किया था। अनुच्छेद 31D राष्ट्र-विरोधी गतिविधि को परिभाषित करता है। हालांकि, अनुच्छेद 31D को बाद में संविधान के 43वें संशोधन 1977 (43th constitutional amendment) के जरिए हटा दिया गया था।
राष्ट्र-विरोधी शब्द को परिभाषित करने की मांग
इससे पहले कांग्रेस सांसद शशि थरूर(Shashi Tharoor) की अध्यक्षता वाली संचार और सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय स्थायी समिति (Parliamentary Standing Committee) ने राष्ट्र-विरोधी शब्द को परिभाषित किए जाने को लेकर टिप्पणी की थी। संसदीय पैनल ने पिछले दिनों सूचना और प्रसारण मंत्रालय(Ministry of IB) से केबल नेटवर्क नियम, 2014 में इस्तेमाल किए गए राष्ट्र-विरोधी रवैये शब्द को ठीक से परिभाषित करने के लिए कहा था।
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