नई दिल्ली. इजराइली कंपनी एनएसओ (NSO) के जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस की लिस्ट में दो और बड़े नाम सामने आए है। न्यूज पोर्टल 'द वायर' के अनुसार, जासूसी लिस्ट में उद्योगपति अनिल अंबानी और CBI के पूर्व चीफ आलोक वर्मा का भी नाम शामिल किया गया था।
अनिल की कंपनी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं
हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अनिल वर्तमान में उसी फोन नंबर का इस्तेमाल कर रहे हैं या नहीं, इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती। ADAG की ओर से फिलहाल इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।रिपोर्ट के मुताबिक, आलोक वर्मा को केंद्र सरकार ने 2018 में CBI के पूर्व प्रमुख के पद से बर्खास्त कर दिया था। इसके फौरन बाद ही वर्मा का नाम पेगासस की लिस्ट में शामिल किया गया। इसके साथ ही अनिल अंबानी और अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप (ADAG) के कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन अफसर टोनी जेसुदासन के साथ उनकी पत्नी का नाम भी लिस्ट में है।
क्या है पेगासस प्रोजेक्ट?
पेगासस प्रोजेक्ट दुनियाभर के 17 मीडिया संस्थानों के जर्नलिस्ट का एक ग्रुप है, जो एनएसओ (NSO) ग्रुप और उसके सरकारी ग्राहकों की जांच कर रहा है। इजराइल की कंपनी NSO सरकारों को सर्विलांस टेक्नोलॉजी बेचती है। इसका प्रमुख प्रोडक्ट है- पेगासस, ये एक जासूसी सॉफ्टवेयर (स्पाईवेयर) है।पेगासस आईफोन और एंड्रॉयड डिवाइस को टारगेट करता है। पेगासस इंस्टॉल होने पर उसका ऑपरेटर फोन से चैट, फोटो, ईमेल और लोकेशन डेटा ले सकता है। यूजर को पता भी नहीं चलता और पेगासस फोन का माइक्रोफोन और कैमरा एक्टिव कर देता है।
राफेल के अधिकारियों के फोन भी शामिल
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में दैसो एविएशन (राफेल विमान बनाने वाली कंपनी) के प्रतिनिधि वेंकट राव पोसिना, साब इंडिया के चीफ इंद्रजीत सियाल और बोइंग इंडिया के प्रमुख प्रत्यूष कुमार के नंबर भी 2018 और 2019 में विभिन्न अवधि में लीक आंकड़ों में शामिल हैं। इसके साथ ही फ्रांस की कंपनी एनर्जी EDF के प्रमुख हरमनजीत नेगी का फोन भी शामिल है। फ्रांस से हुई राफेल डील को लेकर विपक्ष के नेता केंद्र सरकार पर अनिल अंबानी को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाते रहे हैं।