दक्षिण चीन सागर से लद्दाख तक आंखें दिखा रहे चीनी ड्रैगन को बड़ा झटका लगा है। चीन के आक्रामक रवैये को झेल रहे फिलीपींस ने भारत के साथ दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक एंटी शिप क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस की खरीद को मंजूरी दे दी है। ब्रह्मोस मिसाइल के लिए यह पहला विदेशी आर्डर है।
Philippines accepts BrahMos Aerospace Pvt Ltd's proposal worth USD 374.9 million to supply Shore-Based Anti-Ship Missile System Acquisition Project for Philippine Navy pic.twitter.com/p167tenWwV
— ANI (@ANI) January 14, 2022
ये है खासियत: रिपोर्ट के मुताबिक फिलीपींस के राष्ट्रीय रक्षा विभाग की ओर से ब्रह्मोस के अधिकारियों को इसकी सूचना भेज दी गई है। यह सौदा 374.9 मिलियन अमरीकी डॉलर यानी 2779 करोड़ रुपए का है। ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल ध्वनि की रफ्तार से तीन गुना तेज गति यानी 4321 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से मार करने में सक्षम है।
चीन के खिलाफ भारत पर भरोसा: इस सौदे में सबसे अहम बात यह है कि अमेरिकी सहयोगी देश फिलीपींस ने चीन के खिलाफ अपनी सैन्य तैयारी के लिए भारत-रूस द्वारा मिलकर बनाई गई ब्रह्मोस मिसाइल पर भरोसा जताया है। ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल ध्वनि की रफ्तार से तीन गुना तेज गति यानी 4321 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से मार करने में सक्षम है।
बह्मोस के ऑर्डर के लिए कई देश पाइपलाइन में: माना जा रहा है कि जल्द ही चीन का एक और पड़ोसी देश वियतनाम भी भारत के साथ ब्रह्मोस मिसाइल का समझौता कर सकता है। दोनों ही देशों के बीच इस मिसाइल डील को लेकर बातचीत चल रही है। इंडोनेशिया सहित कई देशों और कई खाड़ी देशों ने मिसाइल खरीदने में रुचि दिखाई है।