भोपाल. पुष्यमित्र उपाध्याय (Pushyamitra upadhyay) ने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) पर कविता चोरी करने का आरोप लगाया है। चित्रकूट (Chitrakoot) में प्रियंका ने महिला को संबोधित करते हुए 'उठो द्रौपदी शस्त्र संभालो' काव्य की पंक्तियां पढ़ीं थी। इस कविता के लेखक उपाध्याय ने कहा कि मैंने ये कविता देश की महिलाओं के लिए लिखी थी न कि आपकी घटिया राजनीति के लिए। कविता भी चोरी करने वालों से देश क्या उम्मीद रखेगा।
चित्रकूट में महिलाओं से संवाद में पढ़ी थीं
प्रियंका गांधी 17 नवंबर को चित्रकूट पहुंची थी। यहां उन्होंने नव विहार कर मतगजेंद्र नाथ मंदिर पहुंचकर पूजन किया। उन्होंने कामतानाथ के दर्शन भी किए। महिलाओं के साथ संवाद करते हुए प्रियंका ने 'सुनो द्रौपदी शस्त्र उठा लो अब गोविंद न आएंगे, कैसी रक्षा मांग रही हो दु:शासन दरबारों से।' कविता का पाठ किया था। इस कविता के लिए पुष्यमित्र उपाध्याय को हिंदी संस्थान की तरफ से पुरस्कार मिल चुका है। उन्होंने प्रियंका को ट्वीट करते हुए लिखा कि न तो मैं आपकी विचारधारा का समर्थन करता हूं और न आपको ये अनुमति देता हूं कि आप मेरी साहित्यिक संपत्ति का राजनीतिक उपयोग करें। कविता भी चोरी कर लेने वालों से देश क्या उम्मीद रखेगा?
सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो अब गोविंद न आएंगे
कब तक आस लगाओगी तुम बिके हुए अखबारों सेकैसी रक्षा मांग रही हो दु:शासन दरबारों से
सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो अब गोविंद न आएंगे~ श्रीमती @priyankagandhi जी#LadkiHoonLadSaktiHoon pic.twitter.com/6hXVG3eTtE
— Ajay Kumar Lallu (@AjayLalluINC) November 17, 2021
इस कविता पर विवाद
छोडो मेहंदी खडक संभालों
खुद ही अपना चीर बचा लो
द्यूत बिछाये बैठे शकुनि,
मस्तक सब बिक जायेंगे
सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, अब गोविंद ना आयेंगे।
कब तक आस लगाओगी तुम,
बिक़े हुए अखबारों से,
कैसी रक्षा मांग रही हो
दुशासन दरबारों से।
स्वयं जो लज्जा हीन पड़े हैं
वे क्या लाज बचायेंगे
सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो अब गोविंद ना आयंगे।
कल तक केवल अँधा राजा,
अब गूंगा बहरा भी है
होठ सी दिए हैं जनता के,
कानों पर पहरा भी है।
तुम ही कहो ये अश्रु तुम्हारे,
किसको क्या समझायेंगे?
सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, अब गोविंद ना आयंगे।
-पुष्यमित्र उपाध्याय