गोरखपुर. सीएम योगी के गृह जनपद गोरखपुर (Gorakhpur) से सनसनीखेज मामला सामने आया है। दरअसल यहां गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात PAC जवानों पर कल शाम धारदार हथियार से हमला किया गया है। इस हमले में दो जवान घायल हो गए। हालांकि पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। धार्मिक नारे लगाते हुए एक आदमी मंदिर परिसर में घुस गया था। गोरखनाथ मंदिर परिसर में ही गोरक्षपीठ के महंत यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का आवास भी है।
एजेंसियां करेंगी जांच
गोरखनाथ मंदिर (Gorakhnath Mandir) में मुस्लिम युवक के हमला मामले ने तूल पकड़ लिया है। आरोपी का नाम मोहम्मद मुर्तजा बताया जा रहा है। वह गोरखपुर के सिविल लाइंस का ही रहने वाला है। आरोपी के आईआईटी बॉम्बे (IIT Bombay) से केमिकल इंजीनियरिंग (Chemical Engineering) करने के बाद धार्मिक नारे लगाते हुए सुरक्षाकर्मियों पर हमले को गंभीरता से देखा जा रहा है। इस पूरे मामले में बदलती स्थिति को देखते हुए टेरर एंगल से भी जांच कराए जाने का निर्णय लिया गया है। यूपी सरकार ने इस मामले की जांच उत्तर प्रदेश एंटी टेररिस्ट स्क्वायड (UP ATS) को दे दिया है। अब यूपी एटीएस ने इस पूरे घटनाक्रम के हर पहलू की जांच शुरू कर दी है। एटीएस की टीम गोरखनाथ मंदिर पहुंच चुकी है। घटनास्थल का जायजा लिया गया है। इसके अलावा इस हमले की जांच के लिए एनआईए और आईबी भी लगी है। योगी सरकार ने इसकी उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। एडीजी ने कहा कि सभी पहलुओं की जांच की जाएगी।
गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में सेंध के मामले की जांच कई एजेंसियों के माध्यम से की जा रही है। खुफिया विभाग भी सक्रिय हो गया है। मुर्तजा ने धारदार हथियार से पीएसी जवान गोविंद पर हमला कर उसका राइफल छीनने की कोशिश की। अगर उसके हाथ राइफल लग जाता तब की स्थिति को भी ध्यान में रखा जा रहा है। इस प्रकार के हमले से पूरे इलाके में सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने की कोशिश तो नहीं थी?
गोरखपुर रहा है आतंकियों के निशाने पर
गोरखपुर आतंकियों के निशाने पर कई बार रहा है। 1993 में मेनका टॉकीज में बम ब्लास्ट हुआ था। उसके बाद 2007 में शहर के सबसे व्यस्त बाजार गोलघर में सीरियल ब्लास्ट हुआ था। इस ब्लास्ट में पाकिस्तान कनेक्शन भी सामने आया था। गौरतलब है कि 2010 में गोरखनाथ मंदिर परिसर में स्थित भीम सरोवर ताल के पास विस्फोट हुआ था। हालांकि, जांच के बाद यह पता चला था कि वह दिवाली वाला बम था।