नरेंद्र गिरि मौत मामला: शिष्य आनंद गिरि से लंबा विवाद चला, चेले ने गुरु पर कई आरोप लगाए

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नरेंद्र गिरि मौत मामला: शिष्य आनंद गिरि से लंबा विवाद चला, चेले ने गुरु पर कई आरोप लगाए

प्रयागराज. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़ा के सचिव महंत नरेंद्र गिरि 20 सितंबर को संदिग्ध हालत में मृत मिले। उनके शिष्य आनंद गिरि को हिरासत में लिया गया है। आनंद गिरि पर इसलिए शक है, क्योंकि नरेंद्र गिरि से उनका लंबा विवाद चला। इसकी वजह बाघंबरी गद्दी की 300 साल पुरानी वसीयत है, जिसे नरेंद्र गिरि संभाल रहे थे। कुछ साल पहले आनंद ने नरेंद्र पर गद्दी की 8 बीघा जमीन 40 करोड़ में बेचने का आरोप लगाया था, जिसके बाद विवाद गहरा गया। यही नहीं, आनंद ने नरेंद्र पर अखाड़े के सचिव की हत्या करवाने का आरोप भी लगाया।

आनंद का आरोप- नरेंद्र ने बड़े लोगों से 4 करोड़ वसूले

आनंद गिरि 2018 में ऑस्ट्रेलिया में महिलाओं से छेड़छाड़ के आरोप में फंसे थे। आनंद ने आरोप लगाए थे कि उन्हें छुड़ाने के नाम पर नरेंद्र गिरि ने कई बड़े लोगों से 4 करोड़ रुपए वसूले थे। इसके बाद नरेंद्र गिरि ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्‌ठी लिखकर अपनी जान को खतरा बताया था। हालांकि, कुछ महीने पहले गुरु-चेले के बीच समझौता हो गया था। तब हरिद्वार से प्रयागराज पहुंचे आनंद ने अपने गुरु नरेंद्र गिरि के पैरों में गिरकर माफी मांगी थी।

आनंद ने कहा था, 'मैं पंच परमेश्वर से भी अपने कृत्यों के लिए माफी मांग रहा हूं। मैंने सोशल मीडिया, अखबारों, टीवी चैनलों पर जो भी बयान जारी किए, उन्हें  वापस लेता हूं।' इसके बाद महंत नरेंद्र ने भी आनंद पर लगाए गए आरोपों को वापस लेते उन्हें माफ कर दिया था।

अखाड़ा परिषद ने दिया था दखल

इस मामले में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के दखल के विवाद थम गया था। इसके बाद गुरु पूर्णिमा को आनंद, अखाड़े में अपने गुरु की पूजा कर पाए थे। साथ ही अखाड़े और मठ में आनंद गिरि की एंट्री पर लगी गई रोक भी हटा दी गई। हालांकि, आनंद का अखाड़े से निष्कासन वापस हुआ या नहीं, यह अभी साफ नहीं है।

14 मई को अखाड़े से बाहर किए गए थे आनंद गिरि

पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी ने आनंद गिरि को इस साल 14 मई को अखाड़े और बाघंबरी गद्दी से बाहर कर दिया था, क्योंकि उन पर अपने परिवार से संबंध रखने के आरोप लगे थे। नरेंद्र गिरि ने कहा था कि बड़े हनुमान मंदिर पर आने वाले दान-चढ़ावे के धन को आनंद अपने परिवार पर खर्च कर रहे हैं। इसके बाद अखाड़े के पंच परमेश्वरों की सहमति से आनंद गिरि के खिलाफ निष्कासन की कार्रवाई की गई थी।

आनंद गिरि पेट्रोल पंप खोलना चाहते थे

बताया जाता है कि बाघंबरी गद्दी की जमीन पर आनंद गिरि के नाम से पेट्रोल पंप खोलने की योजना थी। नरेंद्र गिरि ने बताया था कि आनंद के नाम से ही 1200 वर्ग गज जमीन का एग्रीमेंट किया गया था और अनापत्ति सर्टिफिकेट (NOC) भी मिल गई थी। मुझे जब इस बात का पता चला कि इस जगह पेट्रोल पंप नहीं चल पाएगा, तो मैंने उसे रद्द करा दिया। इससे आनंद नाराज हो गए।

300 साल पुरानी है बाघंबरी गद्दी

निरंजनी अखाड़ा 900 साल पुराना और बाघंबरी गद्दी 300 साल पुरानी है। नरेंद्र गिरि श्री पंचायती तपोनिधि निरंजन अखाड़े के महंत और सचिव भी थे। उन्होंने एक बार बताया था कि उन्होंने बाघंबरी गद्दी की 8 बीघा जमीन बेची थी और इसका हिसाब कोर्ट को दे दिया है। वहीं, आनंद गिरि ने आरोप लगाया था कि 2012 में नरेंद्र गिरि ने गद्दी की 8 बीघा जमीन सपा के तत्कालीन विधायक को 40 करोड़ रुपए में बेची थी। यह जमीन प्रयागराज के अल्लापुर इलाके में है।

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