अग्निवीरों को भी पेंशन देने की तैयारी, योजना में सुधार को रक्षा मंत्रालय गंभीर, सरकार मंथन में जुटी

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Pratibha Rana
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अग्निवीरों को भी पेंशन देने की तैयारी, योजना में सुधार को रक्षा मंत्रालय गंभीर, सरकार मंथन में जुटी

New Delhi. अग्निवीर सैनिकों को जल्द बड़ी खुशखबरी मिलने जा रही है। अग्निपथ योजना में सुधार को लेकर रक्षा मंत्रालय गंभीर है। शहादत के मामले में अग्निवीरों के परिजनों को पारिवारिक पेंशन देने उठाई जा रही मांग पर केंद्र सरकार बड़े बदलाव करने की तैयारी में है। इसी के साथ ही चार साल के कार्यकाल को भी थोड़ा और बढ़ाने समेत कई सुविधाएं भी बढ़ाई जाएंगी। संभावना है कि दीपावली पर यह घोषणा हो जाए।

पूर्व सैन्य अफसरों ने उठाई थी मांग

नियमित सैनिकों के आश्रितों को सेना भर्ती में भी प्राथमिकता दी जाती है। ऐसे में पूर्व सैन्य अफसरों ने शहादत के मामले में अग्निवीरों के परिजनों को पारिवारिक पेंशन देने की मांग उठाई है। ड्यूटी के दौरान शहादत देने वाले अग्निवीरों के परिजनों के लिए हालांकि रक्षा मंत्रालय की सहायता करीब-करीब नियमित जवानों जैसी ही है, लेकिन पारिवारिक पेंशन जैसी कोई स्थाई सुविधा नहीं होने से सरकार पर लगातार दबाव बढ़ रहा है। सेना में और बाहर से इस प्रकार की आवाजें आ रही हैं कि देश के लिए शहीद होने वाले जवान के परिजनों को पेंशन एवं अन्य सुविधाएं दी जानी चाहिए।

2022 में शुरू हुई थी योजना

तीनों सेनाओं में पिछले साल अग्निपथ योजना शुरू की गई थी जिसके तहत जवानों की चार साल के लिए भर्ती का प्रावधान किया गया है। योजना के तहत अब अग्निवीरों की तैनात सेनाओं में अग्रिम मोर्चे पर होने लगी है। वे नियमित सैनिकों की भांति कार्य भी कर रहे हैं।

एक ड्यूटी पर शहीद तो दूसरे की हुई मौत, दोनों के नियम अलग

कुछ दिन पहले ही एक अग्निवीर की ड्यूटी के दौरान सियाचिन में शहादत हुई है। हालांकि इससे पहले भी एक अग्निवीर की मृत्यु हो चुकी है, लेकिन वह ड्यूटी के दौरान नहीं हुई थी। ऐसे में सेना की सलामी, परिवार पेंशन समेत कई सुविधाएं उन्हें नहीं मिल सकीं। दूसरी घटना में सेना ने अग्निवीर की देश के लिए हुई शहादत को सलाम किया है तथा वह सभी लाभ उसे देने का ऐलान किया है, जो नियमित सैनिकों को मिलते हैं। नियमित सैनिकों को पारिवारिक पेंशन का लाभ भी मिलता है। पूर्व सैन्य अफसरों की ओर से शहादत के मामले में अग्निवीरों के परिजनों को पारिवारिक पेंशन देने मांग उठाई जा रही है। नियमित सैनिकों के आश्रितों को सेना भर्ती में भी प्राथमिकता दी जाती है। इस प्रकार का प्रावधान अग्निवीरों के मामले में नहीं किया गया है।

योजना में सुधार को रक्षा मंत्रालय गंभीर

रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, अग्निपथ योजना को लेकर सरकार के पास अनेक सुझाव आए हैं। इनमें से कुछ को स्वीकार कर योजना को सुधारने को लेकर भी रक्षा मंत्रालय गंभीर है। जैसे 25 फीसदी अग्निवीरों को नियमित करने के मौजूदा प्रावधान को 50 फीसदी करने और शहादत की स्थिति में कुछ और लाभ परिजनों को दिए जाना शामिल है। सुझाव यह भी है कि चार साल के कार्यकाल को भी थोड़ा और बढ़ाया जाए।

दूसरी बेच में 21,000 अग्निवीर तैयार

अग्निपथ स्कीम के मौजूदा नियमों के अनुसार अग्निवीर के तौर पर सेना में शामिल होने वाले 25 प्रतिशत सैनिकों को रिटेन किए जाने हैं, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने की योजना पर विचार किया जा रहा है।देश के सैन्य इतिहास में इस परिवर्तनकारी सुधार की शुरूआत करीब 1 साल पहले हुई है। भारतीय सेना के लगभग 19,000 अग्निवीरों ने जनवरी 2023 से पूरे भारत में लगभग 40 केंद्रों पर प्रशिक्षण शुरू किया, जबकि दूसरे बैच के 21,000 अग्निवीर का मार्च 2023 में प्रशिक्षण शुरू हुआ था। इनमें कई सैनिकों की मोर्चे पर नियुक्ति भी हो चुकी है।

अग्निवीर बनने के क्या हैं नियम

अग्निपथ स्कीम के तहत अग्निवीरों की भर्ती प्रक्रिया जून 2022 से शुरू की गई है। इसके लिए आयु सीमा 17.5 वर्ष से 21 वर्ष के बीच होनी चाहिए। नया नियम लागू होता है तो टेक्नीकल बैकग्राउंड के युवाओं की उम्र सीमा 23 साल की जा सकती है। सूत्र ने कहा कि यह शुरू हो जाता है तो हम पॉलिटेक्निक संस्थानों से भी युवाओं का चयन कर सकते हैं। इसके अलावा भर्ती रैलियों की संख्या बढ़ाने पर भी विचार हो रहा है।

2026 तक 1.75 लाख अग्निवीरों को भर्ती करने की योजना

अग्निपथ स्कीम के तहत 2026 तक लगभग 1.75 लाख युवाओं को शामिल किए जाने की उम्मीद है। जून 2022 में सैन्य मामलों के विभाग के तत्कालीन अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा था कि निकट भविष्य में अग्निवीरों की संख्या 1.25 लाख होगी. अगले 4-5 वर्षों में हमारे सैनिकों की संख्या 50,000-60,000 होगी और बाद में बढ़कर 90,000-1 लाख हो जाएगी।

तीनों सेनाओं में जवानों की कमी

संसद में यह जानकारी दी गई कि भारतीय सेना में 1.18 लाख, भारतीय नौसेना में 11,587 और भारतीय वायु सेना 5,819 सैनिकों की कमी है. जहां तक अग्निपथ स्कीम की बात है यह लांच होने के बाद देश भर में प्रदर्शन हुए जिसकी वजह से अभी तक सिर्फ 25 प्रतिशत भर्तियां हो पाई हैं।

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