DELHI. कांग्रेस ने पार्टी अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी है। । 28 अगस्त को कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में पार्टी के अध्यक्ष पद के चुनाव पर चर्चा हुई। CWC की मीटिंग में तय हुआ कि 17 अक्टूबर को अध्यक्ष पद के लिए वोटिंग होगी और 19 अक्टूबर को परिणामों का ऐलान किया जाएगा। बैठक की अध्यक्षता पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने की। नामांकन भरने की तरीख 24 सितंबर से 30 सितंबर है। नामांकन वापसी की आखिरी तारीख 8 अक्टूबर तय हुई है। बैठक में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत पार्टी के तमाम बड़े नेता मौजूद रहे।
सिर्फ एक उम्मीदवार हुआ तो 30 सितंबर को होगी घोषणा
सीडब्ल्यूसी की मीटिंग में कांग्रेस केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री ने अध्यक्ष पद के चुनाव का कार्यक्रम जारी किया। वहीं इसी के साथ एक बार फिर राहुल गांधी को पार्टी की कमान सौंपने की मांग उठने लगी है। चुनावी शेड्यूल के मुताबिक 22 सितंबर को चुनाव संबंधी नोटिफिकेशन जारी होगा। अगर अध्यक्ष पद के लिए मात्र एक उम्मीदवार होता है तो रिजल्ट की घोषणा 30 सितंबर को कर दी जाएगी। इस मीटिंग में गांधी-नेहरू परिवार के तीनों सदस्यों के साथ पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पी चिदंबरम, केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, मुकुल वासनिक और आनंद शर्मा मौजूद थे। इस बैठक में कई नेता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए। सभी सदस्यों ने इस चुनाव शेड्यूल पर सहमति जताई।
कांग्रेस में चुनाव कैसे होता है?
काग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव पार्टी के संविधान के मुताबिक होता है लेकिन इसकी शुरुआत सदस्यता अभियान से होती है, जो तकरीबन एक साल चलता है। इसके बाद बूथ समिति, ब्लॉक समिति और जिला समिति बनाई जाती है। हर जिले से अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) का एक पदाधिकारी कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में वोट डालता है।
चुनाव का शेड्यूल पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति बनाती है। केंद्रीय चुनाव समिति और बाकी टीम का गठन, कार्यकारी समिति की मदद से कांग्रेस अध्यक्ष करता है। चुनाव समिति तैयार हो जाने के बाद, चुनावी शेड्यूल में हर स्तर पर चयन, नामांकन, नाम वापसी, स्क्रूटनी, चुनाव, नतीजे और जीत के बाद सर्टिफिकेट देने तक की तारीख बताई जाती है। कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति चुनाव के लिए हर प्रदेश में एक रिटर्निंग अधिकारी और एक से दो एपीआरओ (राज्यों के आकार के मुताबिक असिस्टेंट प्रदेश रिटर्निंग अफसर) नियुक्त किए जाते हैं।
संविधान के मुताबिक इन कमिटियों का गठन भी चुनाव के आधार पर होना चाहिए। ब्लॉक कमिटी -बूथ कमिटी मिलकर प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रतिनिधि या पीसीसी डेलिगेट्स चुनते हैं। हर ब्लॉक से एक प्रतिनिधि चुनता है।
पार्टी अध्यक्ष का चुनाव कौन लड़ सकता है?
प्रदेश कांग्रेस समिति के सदस्य अध्यक्ष पद के उम्मीदवार के लिए प्रस्तावक बनते हैं। कांग्रेस पार्टी में कोई भी सदस्य खुद को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बना सकता है लेकिन प्रदेश कांग्रेस समिति के 10 सदस्यों का समर्थन प्राप्त होना चाहिए।
उम्मीदवारों के नामों को रिटर्निंग अधिकारी के पास भेजा जाता है। इस बीच नाम वापसी के लिए सात दिन का समय भी दिया जाता है। कांग्रेस पार्टी के संविधान के मुताबिक एक से ज्यादा उम्मीदवार होने पर ही चुनाव होता है और अगर एक ही प्रत्याशी रह जाता है तो उसे ही अध्यक्ष मान लिया जाता है।
ऐसे कांग्रेस का अध्यक्ष बनता है?
हर 8 पीसीसी पर एक केंद्रीय कांग्रेस कमिटी प्रतिनिधि या एआईसीसी डेलिगेट चुना जाता है। एआईसीसी और पीसीसी का अनुपात एक और आठ का होता है। पीसीसी डेलिगेट्स के वोटों से ही प्रदेश कांग्रेस कमिटी का अध्यक्ष और पार्टी अध्यक्ष चुना जाता है। जबकि एआईसीसी के प्रतिनिधियों के वोटिंग से कांग्रेस वर्किंग कमिटी चुनी जाती है। 2017 में हुए संगठन चुनावों के दौरान जहां पीसीसी की तादाद 9000 थी तो वहीं एआईसीसी डेलिगेट्स की संख्या 1500 थी। हर नया अध्यक्ष अपनी CWC बनाता है, जिसमें 12 सदस्य चुनकर आते हैं, जबकि 11 सदस्यों को वह मनोनीत करता है। लेकिन आमतौर पर CWC सदस्य अध्यक्ष ही चुनता है। इस कमिटी में अध्यक्ष के अलावा, संसद में पार्टी का नेता और अन्य सदस्य होते हैं। अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के लिए किसी भी व्यक्ति को बतौर प्रस्तावक 10 पीसीसी डेलिगेट्स का समर्थन चाहिए होता है। चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद पार्टी अपना अधिवेशन बुलाती है, जहां अध्यक्ष पद का औपचारिक ऐलान होता है और CWC का चुनाव होता है।
कांग्रेस अध्यक्ष नहीं होने पर पार्टी कौन चलाता है?
कांग्रेस में हर पांच साल में अध्यक्ष पद का चुनाव होता है। पहले इस पद का कार्यकाल तीन वर्ष का भी रहा है। आपात स्थिति यानी अध्यक्ष के निधन या अचानक उसके इस्तीफा देने पर कार्यकारी समिति पार्टी के सबसे वरिष्ठ महासचिव को अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर जिम्मेदारी देती है, जो अगला पूर्णकालिक अध्यक्ष के चुने जाने तक कमान संभालता है। 2019 में राहुल गांधी के नैतिकता के आधार पर अचानक इस्तीफे के बाद यही हुआ था और सोनिया गांधी को कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया गया था।
पार्टी में बगावती तेवर दिखे
बैठक के पहले महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के बड़े नेता पृथ्वीराज चौहान के बगावती तेवर दिखाई दिए। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस में कठपुतली अध्यक्ष बनाने की कोशिश हो रही है। ये घातक कदम होगा और इससे पार्टी बर्बाद सकती है। वहीं, उत्तराखंड के पूर्व CM और पार्टी के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने कहा कि राहुल गांधी को पार्टी की कमान संभाल लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस के एक कार्यकर्ता के तौर पर यह कह रहा हूं। लाखों-करोड़ों कार्यकर्ताओं की यही भावना है।
आज प्रदेश अध्यक्षों के साथ होगा मंथन
पार्टी ने ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी और प्रदेश कांग्रेस कमेटी की बैठक बुलाई है। यह बैठक 29 अगस्त को दिल्ली स्थित पार्टी हेडक्वार्टर में शाम 4 बजे होगी। कांग्रेस की इस बैठक में पार्टी की 3570 किलोमीटर भारत जोड़ो यात्रा अभियान पर चर्चा होगी, जो सात सितंबर से कन्याकुमारी से शुरू होगी। इस बैठक में सोनिया गांधी शामिल होंगी।