केदारनाथ में मोदी: भगवान शिव की पूजा की, शंकराचार्य की मूर्ति का अनावरण; पढ़ें भाषण की 7 बातें

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केदारनाथ में मोदी: भगवान शिव की पूजा की, शंकराचार्य की मूर्ति का अनावरण; पढ़ें भाषण की 7 बातें

देहरादून. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 नवंबर को केदारनाथ धाम पहुंचे। यहां उन्होंने गर्भगृह में भगवान शिव की पूजा अर्चना की, रुद्राभिषेक किया। उन्होंने मंदिर की परिक्रमा भी की। इसके बाद आदि गुरु शंकराचार्य के हाल ही में बने समाधि स्थल पर शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण किया। केदारनाथ धाम में मोदी कई प्रोजेक्ट का शिलान्यास और लोकार्पण भी करेंगे।

हे प्रभु, कल्याण कीजिए!

— ANI (@ANI) November 5, 2021

मोदी ने बाबा केदार की आरती भी की

— ANI (@ANI) November 5, 2021

आदि शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण भी किया

— ANI (@ANI) November 5, 2021

चार साल में मोदी का केदारनाथ का पांचवां दौरा

पहली बार- प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार मोदी 3 मई 2017 को केदारनाथ पहुंचे थे।

दूसरी बार- 20 अक्टूबर 2017 फिर मोदी ने केदारनाथ का दौरा किया था। 

तीसरी बार- मोदी 7 नवंबर 2018 को केदारनाथ पहुंचे थे।

चौथी बार- प्रधानमंत्री 18 मई 2019 को केदारधाम पहुंचे थे। इसी बार उन्होंने केदारनाथ की गुफा में ध्यान भी लगाया था।

पांचवीं बार- 5 नवंबर 2021 को बाबा केदार के दर पर पहुंचे।

मोदी के भाषण की 7 बातें

1. आंखों से तबाही को देखा था
बरसों पहले जो नुकसान यहां हुआ था, वो अकल्पनीय था। मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था और अपने आप को रोक नहीं पाया था। मैं यहां दौड़ा चला आया। अपनी आंखों से उस तबाही को देखा था, उस दर्द को सहा था। जो लोग यहां आते थे, वो सोचते थे कि क्या ये हमारा केदारधाम फिर से उठ खड़ा होगा? लेकिन मेरे भीतर की आवाज कह रही थी की ये पहले से ज्यादा आन-बान-शान के साथ खड़ा होगा। ईश्वर की कृपा से यह विकास हुआ।

2. तीर्थस्थलों की यात्रा सैरसपाटा नहीं

आज के दौर में आदि शंकराचार्य का सिद्धांत और ज्यादा पारंपरिक हो गया है। हमारे यहां तीर्थस्थलों की यात्रा जिंदगी का हिस्सा माना गया है। यह हमारे लिए सिर्फ सैर-सपाटा नहीं है। यह भारत का दर्शन कराने वाली जीवंत परंपरा है। हमारे यहां व्यक्ति की इच्छा होती है कि जीवन में एक बार चारधाम यात्रा जरूर कर लें। 

3. पानी और जवानी दोनों पहाड़ के काम आएगी

कहा जाता था कि पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी पहाड़ के काम नहीं आती। मैंने तय किया कि यहां का पानी और जवानी दोनों पहाड़ के काम आएगी। उत्तराखंड से पलायन रोकना है। अगला दशक उत्तराखंड का है। यहां पर्यटन काफी बढ़ने वाला है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए उत्तराखंड में चार धामों से सड़क संपर्क और हेमकुंड साहिब के पास रोप वे समेत कई कामों की योजना है।

4. केदार की मिट्‌टी ने पाला

बाबा केदारनाथ ने, संतों के आशीर्वाद और यहां की मिट्‌टी ने मुझे पाला-पोसा था। अगर उसकी सेवा करने का मौका मिले तो इससे बड़ा सौभाग्य क्या हो सकता है। मुझे पता है कि यहां बर्फबारी के बीच भी हमारे श्रमिक भाई-बहन ईश्वरीय कार्य मान कर भी माइनस टेम्परेचर के बीच भी काम करते थे, तब जाकर यह काम हो पाया। बीच-बीच में मैं ड्रोन की मदद से यहां काम की बारीकियों को देखता था।

5. भयभीत होना भारत को मंजूर नहीं

अब देश अपने लिए बहुत बड़े लक्ष्य निर्धारित करता है। कठिन समय ही नहीं, समय की सीमा भी हम निर्धारित करते हैं। कुछ लोग कहते हैं कि इतने कम समय में यह कैसे होगा। कभी कहते हैं कि होगा भी नहीं होगा। तब मुझे 130 करोड़ देशवासियों की आवाज सुनाई देती है कि समय के दायरे में बंधकर भयभीत होना अब भारत को मंजूर नहीं।

6. सभी आशीर्वाद दे रहे हैं

आज सभी मठों, सभी 12 ज्योतिर्लिंगों, अनेक शिवालयों, शक्तिधामों पर पूज्य गुरुजन, साधु-संत और अनेक श्रद्धालु भी देश के कोने में आज केदारनाथ की इस पवित्र भूमि के साथ, इस पवित्र माहौल के साथ सशरीर नहीं, आत्मिक रूप से वे हमें आशीर्वाद दे रहे हैं। आप सभी आदि शंकराचार्य की समाधि की पुनर्स्थापना के साक्षी बन रहे हैं। यह भारत की आध्यात्मिक समद्धि और विरासत का अलौकिक दृश्य है।

7. भूलवश किसी का नाम छूट जाए तो मैं पाप का भागी बनूंगा

हमारी इतनी महान ऋषि परंपरा है, एक से एक महात्मा आध्यात्मिक चेतना को जगाते रहते हैं। वे आज भी हमसे इस कार्यक्रम में जुड़े हुए हैं। मैं उनके नामों का भी उल्लेख करना चाहूं तो एक सप्ताह बीत जाएगा। अगर भूलवश उनमें से किसी का नाम छूट जाए तो मैं पाप का भागी बनूंगा। इसलिए मैं उनके नामों का उल्लेख नहीं कर रहा हूं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी narendra modi The Sootr Kedarnath Temple केदारनाथ धाम Prime Minister Offers prayers पूजा-अर्चना