NEW DELHI. इजरायल और हमास की जंग कुछ दिनों से थमी हुई है। इस बीच संयुक्त राष्ट्र महासभा में इजरायल को लेकर एक प्रस्ताव पेश किया गया है। इसमें कहा गया है कि सीरिया के गोलन हाइट्स से इजरायल अपना कब्जा हटा ले। इस प्रस्ताव का 91 देशों ने समर्थन किया है, जिसमें भारत भी है। यूएन में यह प्रस्ताव मिस्र ने पेश किया था, जिसके पक्ष में 91 वोट पड़े, जबकि इसके विरोध में 8 देशों ने मत डाले, वहीं 62 देश वोटिंग के दौरान अनुपस्थित रहे।
प्रस्ताव का ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, अमेरिका ने किया विरोध
प्रस्ताव में कहा है कि यूएनजीए और सुरक्षा परिषद की प्रस्तावना को ध्यान में रखते हुए इजरायल को सीरियाई गोलन हाइट्स पर कब्जा छोड़ देना चाहिए। इजरायल ने 1967 में गोलन हाइट्स पर कब्जा किया था। इस प्रस्ताव का समर्थन करने वाले देशों में भारत के अलावा बांग्लादेश, पाकिस्तान, नेपाल, चीन, लेबनान, ईरान, इराक और इंडोनेशिया भी हैं, वहीं, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, अमेरिका, पलाउ, माइक्रोनेशिया, इजरायल, कनाडा और मार्शल आइलैंड ने इस प्रस्ताव के विरोध में वोट किया, वहीं यूक्रेन, फ्रांस, जर्मनी, डेनमार्क, बेल्जियम, जापान, केन्या, पोलैंड, ऑस्ट्रिया और स्पेन जैसे 62 देशों ने इस प्रस्ताव पर वोटिंग से दूरी बना ली। इस प्रस्ताव पर वोटिंग 28 नवंबर को हुई थी।
क्या है गोलन हाइट्स?
गोलन हाइट्स पश्चिमी सीरिया में एक क्षेत्र है, जिस पर पांच जून 1967 को इजरायल ने कब्जा कर लिया था। इजरायल ने 1967 में छह दिनों तक चले युद्ध के दौरान सीरिया के गोलन हाइट्स पर कब्जा कर लिया था। गोलन हाइट्स पश्चिमी सीरिया में स्थित एक पहाड़ी इलाका है। इजरायल ने 1967 में सीरिया के साथ युद्ध के बाद गोलन हाइट्स पर कब्जा कर लिया था। उस समय ज्यादातर सीरियाई घर छोड़कर चले गए थे। इसके बाद कभी नहीं लौटे।