Mumbai. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अब ग्राहकों को परेशान करने पर सख्ती करने जा रहा है। आरबीआई ने प्रस्ताव दिया है कि लोन लेने वाले ग्राहकों को रिकवरी एजेंट कभी भी फोन करके परेशान नहीं कर सकेंगे। रात में 7 बजे के बाद और सुबह 8 बजे के पहले रिकवरी एजेंट के फोन करने पर पाबंदी लगाई जाएगी। इसके अलावा ग्राहकों की क्रेडिट सूचना अपडेट करने में ढिलाई बरतने पर इसका खामियाजा क्रेडिट सूचना कंपनियों (सीआईसी) को भुगतना पड़ेगा। क्रेडिट जानकारी को अपडेट करने या सुधारने में देरी पर ग्राहकों को प्रति दिन 100 रुपए की दर से मुआवजा देना होगा।
सीआईसी को छह महीने का दिया समय
रिजर्व बैंक ने गुरुवार (26 अक्टूबर) को कहा, क्रेडिट सूचना कंपनियों को छह महीने का समय दिया गया है। इस अवधि में क्रेडिट संस्थानों (सीआई) और सीआईसी को क्रेडिट जानकारी अपडेट में देरी पर मुआवजे की रूपरेखा लागू करने के लिए जरूरी सिस्टम विकसित करना होगा। सर्कुलर जारी करते हुए रिजर्व बैंक ने कहा, अगर सीआई और सीआईसी के पास शिकायत दर्ज करने की प्रारंभिक तारीख से 30 कैलेंडर दिनों की अवधि के भीतर शिकायत करने वाले की शिकायत का समाधान नहीं किया जाता है तो शिकायतकर्ता को प्रति कैलेंडर दिन 100 रुपए की दर से मुआवजा मिलेगा।
लोन लेने वाले या परिजनों को अपमानित करने पर कसेगी नकेल
आरबीआई ने साफ किया है कि रिकवरी एजेंट अपने ऋण वसूली प्रयासों में किसी भी व्यक्ति के खिलाफ मौखिक या शारीरिक रूप से किसी भी प्रकार की धमकी या उत्पीड़न का सहारा नहीं लेंगे। इसमें सार्वजनिक रूप से अपमानित करने या परिवार के सदस्यों, देनदारों/उनके गारंटरों की गोपनीयता में हस्तक्षेप करने का इरादा भी शामिल है।
समाधान नहीं होने पर आरबीआई लोकपाल से करें संपर्क
सर्कुलर के अनुसार, मुआवजा देने से इंकार करने की सूरत में शिकायतकर्ता आरबीआई लोकपाल से संपर्क कर सकता है। बता दें कि क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो (इंडिया) लिमिटेड (सिबिल), इक्विफैक्स, एक्सपीरियन और सीआरआईएफ हाईमार्क भारत की कुछ प्रमुख क्रेडिट सूचना कंपनियां हैं।
मनमानी पर अंकुश... फोन करने का समय तय होगा
मुआवजे के प्रावधान के अलावा आरबीआई ने रिकवरी एजेंटों को सुबह 8 बजे से पहले, शाम 7 बजे के बाद कॉल करने से रोकने का प्रस्ताव भी तैयार किया है। ऋण वसूली के लिए सख्त नियमों का प्रस्ताव देते हुए आरबीआई ने कहा, अतिदेय ऋणों की वसूली के लिए वित्तीय संस्थान और उनके वसूली एजेंट लोन लेने वाले ग्राहकों को सुबह 8 बजे से पहले और शाम 7 बजे के बाद फोन नहीं कर सकेंगे।
काम की आउटसोर्सिंग से बचने की नसीहत
'जोखिम प्रबंधन और आचार संहिता पर ड्राफ्ट मास्टर डायरेक्शन' में कहा गया है कि बैंकों और नॉन बैंकिंग फाइनांस कंपनी (एनबीएफसी) जैसी विनियमित संस्थाओं (आरई) को मुख्य प्रबंधन कार्यों को आउटसोर्स नहीं करना चाहिए। इसमें नीति निर्माण और केवाईसी मानदंडों का अनुपालन और ऋणों की मंजूरी जैसे अहम फैसले शामिल हैं।
संवेदनशील हो रिकवरी एजेंट
सर्कुलर में कहा है कि प्रत्यक्ष बिक्री एजेंटों (डीएसए)/प्रत्यक्ष विपणन एजेंटों (डीएमए)/रिकवरी एजेंटों (वाणिज्यिक बैंकों, सहकारी बैंकों और एनबीएफसी पर लागू) के लिए एक बोर्ड-अनुमोदित आचार संहिता लगानी चाहिए। यह सुनिश्चित करना चाहिए कि रिकवरी एजेंटों को संवेदनशीलता के साथ व्यवहार करने के लिए उचित रूप से प्रशिक्षित किया गया है। विशेष रूप से ग्राहकों से आग्रह करना, कॉल करने के समय की जानकारी, ग्राहक जानकारी की गोपनीयता और उत्पादों के सही नियम और शर्तों पर कैसे बात करनी है, इसके बारे में रिकवरी एजेंट को काफी संवेदनशील होना चाहिए।
28 नवंबर तक फीडबैक का समय
आरबीआई के ड्राफ्ट में कहा गया है कि लोन लेने वाले ग्राहकों को मोबाइल पर या सोशल मीडिया के माध्यम से अनुचित संदेश नहीं भेजा जाना चाहिए। लोन की वसूली के लिए धमकी भरे और गुमनाम कॉल नहीं करना चाहिए। प्रस्ताव के अनुसार, उधारकर्ता/गारंटर को लगातार कॉल कर गलत और भ्रामक प्रतिनिधित्व नहीं करना चाहिए। आरबीआई ने 28 नवंबर, 2023 तक हितधारकों की टिप्पणियां भी आमंत्रित की हैं।