नई दिल्ली. अखंड भारत का एजेंडा आरएसएस के लिए हमेशा सर्वोपरि रहा है। इस बीच संघ प्रमुख मोहन भागवत ने बड़ा बयान दिया. उन्होंने हरिद्वार में कहा, 'सनातन धर्म ही हिंदू राष्ट्र है, वैसे तो 20 से 25 साल में भारत अखंड भारत होगा, लेकिन अगर हम थोड़ा सा प्रयास करेंगे, तो स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरविंद के सपनों का अखंड भारत 10 से 15 साल में ही बन जाएगा। इसे कोई रोकने वाला नहीं है, जो इसके रास्ते में जो आएंगे वह मिट जाएंगे।’
जल्द बनेगा अखंड भारत - भागवत
मोहन भागवत ने कहा, भारत अब उत्थान के बिना रुकने वाला नहीं है. भारत उत्थान की पटरी पर सरपट दौड़ रहा है, सीटी बजा रहा है और कह रहा है उत्थान की इस यात्रा में सब उसके साथ आओ और उसको रोकने का प्रयास कोई न करें, जो कोई भी रोकने वाले हैं, वह साथ आ जाएं और अगर साथ नहीं आते तो रास्ते में न आएं, रास्ते से हट जाएं.
एक होकर देश के लिए जीयें - भागवत
मोहन भागवत ने अपने संबोधन में आगे कहा कि हम विभिन्न हैं, लेकिन हम अलग नहीं हैं. एक होकर हम देश के लिए अगर जीना मरना शुरू कर दें और जिस गति से भारत उत्थान के मार्ग पर चल रहा है तो मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि भारत को अखंड भारत होने में 20 से 25 साल का समय ही लगेगा और अगर हम अपनी गति को तीव्र कर ले तो यह समय आधा हो जाएगा. उन्होंने कहा हम अहिंसा की बात कहेंगे पर हाथों में डंडा भी रखेंगे, क्योंकि यह दुनिया शक्ति को ही मानती है.
एक हजार साल भारत की सनातन धर्म को समाप्त करने के प्रयास लगातार किए गए. लेकिन वह मिट गए, पर हम और सनातन धर्म आज भी मौजूद है. भारत एक ऐसा देश है जहां दुनिया के हर प्रकार के व्यक्ति की दुष्ट प्रवृत्ति समाप्त हो जाती है. वह भारत में आकर या तो ठीक हो जाता है या फिर मिट जाता है.
आरएसएस प्रमुख मोहन भगवत हरिद्वार में कनखल के संन्यास रोड स्थित श्री कृष्ण निवास आश्रम और पूर्णानद आश्रम में ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी दिव्यानंद गिरी महाराज की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा और गुरुत्रय मंदिर के लोकार्पण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे थे.
ऐसा हुआ करता था अखंड भारत
आज का भारत सीमित भूभाग वाला देश है. बताया जाता है कि भारत कभी बहुत बड़ा भूभाग वाला था. यह सिर्फ कश्मीर से कन्याकुमारी और असम से गुजरात ही सीमित नहीं था. बल्कि अखंड भारत में अफगानिस्तान, भूटान, म्यांमार, तिब्बत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, थाईलैंड शामिल थे. लेकिन कुछ देश काफी पहले भारत से अलग हो चुके हैं. जबकि पाकिस्तान और बांग्लादेश आजादी के वक्त भारत से अलग देश बने.