गुवाहाटी. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघ चालक मोहन भागवत ने मुस्लिमों के लेकर फिर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने बुधवार को कहा,“1930 से योजनाबद्ध तरीके से मुसलमानों की संख्या बढ़ाने के प्रयास हुए, ऐसा विचार था कि जनसंख्या बढ़ाकर अपना वर्चस्व स्थापित करेंगे और फिर इस देश को पाकिस्तान बनाएंगे। ये विचार पंजाब, सिंध, असम और बंगाल के बारे में था। कुछ मात्रा में ये सत्य हुआ। भारत का विखंडन हुआ और पाकिस्तान बन गया। लेकिन जैसा पूरा चाहिए था वैसा नहीं हुआ। समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक भागवत ने मुस्लिमों को लेकर यह बड़ा बयान गुवाहाटी में दिया है। भागवत इन दिनों पूर्वोत्तर राज्यों की दो दिन की यात्रा पर है।
CAA से भारतीय मुसलमानों को कोई नुकसान नहीं
भागवत ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) भारत के नागरिकों के विरुद्ध बनाया हुआ कानून नहीं है। भारत के नागरिक मुसलमान को CAA से कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। विभाजन के बाद भरोसा दिलाया गया था कि हम अपने देश के सभी अल्पसंख्यकों की चिंता करेंगे। हम आज तक उसका पालन कर रहे हैं। लेकिन पाकिस्तान ने ऐसा नहीं किया।
पहले कहा था सभी भारतीयों का DNA एक
संघ (RSS) के मुखिया मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने इससे पहले 05 जुलाई को कहा था कि सभी भारतीयों का डीएनए (DNA) एक है। उन्होंने मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्वारा आयोजित किए गए एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बयान दिया था। भागवत ने कहा था, ''सभी भारतीयों का डीएनए एक है, चाहे वे किसी भी धर्म के हों।'' उन्होंने मॉब लिंचिंग को लेकर कहा कि इसमें शामिल लोग हिंदुत्व के खिलाफ हैं और लोकतंत्र में हिंदुओं या मुसलमानों का प्रभुत्व नहीं हो सकता है। भागवत ने कार्यक्रम में कहा था, ''हिंदू-मुस्लिम एकता भ्रामक है, क्योंकि वे अलग नहीं, बल्कि एक हैं। पूजा करने के तरीके को लेकर लोगों के बीच अंतर नहीं किया जा सकता। कुछ काम ऐसे हैं जो राजनीति नहीं कर सकती। राजनीति लोगों को एकजुट नहीं कर सकती। राजनीति लोगों को एकजुट करने का हथियार नहीं बन सकती है। ''