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MATHURA. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने वृंदावन पहुंचकर आध्यात्मिक गुरु प्रेमानंदजी महाराज से मुलाकात की। इस दौरान मोहन भागवत ने पीला दुपट्टा ओढ़ाकर प्रेमानंदजी महाराज का स्वागत किया। दोनों की मुलाकात और संवाद का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है।
प्रेमानंदजी महाराज से क्या बोले मोहन भागवत
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने प्रेमानंद महाराज से मिलकर उनका आशीर्वाद लिया। साथ ही दोनों के बीच संवाद भी हुआ। वीडियो में मोहन भागवत प्रेमानंद महाराज से कह रहे हैं कि बस आपके दर्शन करने थे। संघ प्रमुख ने कहा कि आपकी बातें वीडियो में सुनी थी, तो लगा कि एक बार दर्शन कर लेना चाहिए। उन्होंने आगे कहा, 'चाह गई, चिंता मिटी…मनवा बेपरवाह' आप जैसे लोग कम देखने को मिलते हैं।
महाराज जी ये मोहन भागवत जी हैं....
मुलाकात के लिए पहुंचे मोहन भागवत प्रेमानंद महाराज के सामने खड़े हुए थे। इसके बाद प्रेमानंद महाराज के एक चेले ने परिचय देते हुए कहा, ‘महाराज जी ये मोहन भागवत जी हैं, जो आरएसएस के मौजूदा प्रमुख हैं। इसके बाद महाराज ने उनके लिए कुर्सी मंगवाई और उस पर आसन लगाने के लिए कहा। वहीं वहां मौजूद अन्य लोगों से भी महाराज ने कहा कि अगर आप लोगों को कुर्सी चाहिए तो ले लीजिये।
'समाज का गिरता बौद्धिक स्तर चिंता का विषय'
मुलाकात के दौरान प्रेमानंद महाराज ने आगे कहा कि अगर भारतवासियों को परमसुखी करना चाहते हैं तो तो केवल वस्तु और व्यवस्था से नहीं कर सकते। उनका बौद्धिक स्तर सुधरना चाहिए। आज हमारे समाज का बौद्धिक स्तर गिरता जा रहा है, जो चिंता का विषय है। हमारा देश धार्मिक देश है, धर्म की प्रधानता है, हमारी जो नई पीढ़ी है, इन्हीं में राष्ट्र की रक्षा करने वाले लोग निकलते हैं।
हमें जितना भगवान प्रिय, उतना ही भारत भी प्रिय
प्रेमानंदजी महाराज ने आगे कहा, ‘हमारे जीवन का लक्ष्य क्या है? हमें जितना भगवान राम, भगवान कृष्ण प्रिय हैं… उतना ही भारत देश भी प्रिय है। जिस तरीके से राम भक्त और कृष्ण भक्त हैं, उसी तरीके से भारत का हर भक्त वंदनीय है, लेकिन अब जो मानसिकता बन रही है, वह हमारे धर्म और देश के लिए लाभदायक नहीं है।
हमारा तिरंगा, हमारा राष्ट्र, हमारा भगवान
प्रेमानंद महाराज ने कहा कि इस समय आवश्यकता विचार शुद्ध करने की है, आचरण और आहार शुद्ध करने की है। प्रेमानंद महाराज ने कहा, ”हमारा तिरंगा, हमारा राष्ट्र, हमारा भगवान है। आप तप के द्वारा, भजन के द्वारा लाखों की बुद्धि को शुद्ध कर सकते हैं। प्रेमानंद महाराज ने आगे कहा कि आज हम चरित्र पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। छोटे-छोटे बच्चे चरित्रहीन हो रहे हैं। हमारा देश संकट में आ जाएगा अगर हमारे बच्चे व्यवस्थित नहीं हुए, उनकी बुद्धि शुद्धि नहीं हुई।
आरएसएस प्रमुख ने दिया जवाब?
मोहन भागवत ने कहा कि मुझे भी एक भाषण देना था, मैंने यही बात रखी थी। चिंता यह होती है कि हम सब यह करते जा रहे हैं हां… होगा क्या, इसकी चिंता तो मन में आती है। इसके जवाब में प्रेमानंद ने कहा कि इसका जवाब सीधा है कि हम श्रीकृष्ण पर भरोसा नहीं करते क्या? अगर भरोसा दृढ़ है तो सब मंगलमय होगा। वहीं संत प्रेमानंद महाराज के आश्रम में कुछ समय बिताने के बाद आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत दिल्ली के लिए रवाना हो गए।