BHOPAL. साल में एक बार होने वाली अपनीअखिल भारतीय स्तर की समन्वय बैठक के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आरएसएस ने इस बार छत्तीसगढ़ को चुना है। यह तीन दिनी महत्वपूर्ण बैठक छत्तीसगढ़ की राजधानी के रायपुर में 10 सितंबर को शुरू होगी। बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, पांचों सह सरकार्यवाह सहित समस्त प्रमुख पदाधिकारी शामिल होंगे। संघ द्वारा इस बैठक के लिए रायपुर को चुने जाने से राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इसे मिशन 2023 की तैयारी की शुरूआत मानते हुए चुनाव के पहले संभावित बदलाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
जानकारी के अनुसार समन्वय समिति की बैठक में संघ के प्रमुख पदाधिकारियों के अलावा 36 विभिन्न क्षेत्रों में अनुषांगिक संगठनों के प्रमुख पदािधकारी शामिल होते हैं। यह समन्वय बैठक 10 से 12 सितम्बर तक रायपुर में आयोजित हो रही है। यह अखिल भारतीय स्तर की व्यापक समन्वय बैठक साल में एक बार होती है। संघ की इस बैठक से मिलने वाली गाइड लाइन सत्ता और संगठन के लिए खास मानी जाती है। छत्तीसगढ, मध्यप्रदेश, राजस्थान सहित आधा दर्जन राज्यों में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है। संघ द्वारा इस अहम समन्वय बैठक के लिए रायपुर को चुनने से इसका चुनावी महत्व बढ़ गया है। माना जा रहा है कि बैठक में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ, राजस्थान सहित सभी चुनावी राज्यों के लिए मिशन - 23 का रोडमैप संघ द्वारा तैयार किया जाएगा। इसके लिए जरूरी जमावट और बदलाव भी बैठक के तत्काल बाद या बैठक के दौरान ही किए जा सकते हैं। छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने हाल ही में नया प्रदेशाध्यक्ष बनाया है। मध्यप्रदेश में भी बदलाव को लेकर अटकलों का दौर लंबे समय से चल रहा है। ऐसे में अब छत्तीसगढ़ में होने वाली संघ की इस बैठक से प्रदेश में भी राजनीतिक हलचलें बढ़ गई हैं। समन्वय बैठक में राज्यों की समीक्षा कर संघ नया रोडमैप भी तैयार करेगा। साथ ही चुनाव के मद्देनजर किए जाने वाले बदलावों पर भी सहमति बन सकती है।
ये रहेंगे मौजूद
बैठक में सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, सहित संघ के पांचों सह सरकार्यवाह तथा अन्य प्रमुख पदाधिकारी सहभागी होंगे। भारतीय मजदूर संघ के हिरण्मय पांड्या, बी सुरेंद्रन, विश्व हिन्दू परिषद के आलोक कुमार व मिलिंद परांडेए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से आशीष चौहान व निधि त्रिपाठी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा व बीएल संतोष, तथा भारतीय किसान संघ के दिनेश कुलकर्णी, विद्या भारती के रामकृष्ण राव एवं गोविंद महंती, राष्ट्र सेविका समिति से वंदनीया शांताक्का, अन्नदानम सीताक्का, वनवासी कल्याण आश्रम से रामचंद्र खराडी व अतुल जोग, सहित कुल 36 संगठनों के प्रतिनिधि भाग लेंगे।
इन मुद्दों पर भी होगी चर्चा
इस बैठक में सभी संगठन अपने-अपने कार्य व उपलब्धियों पर प्रजेंटेशन देंगे। इसके आधार पर सभी क्षेत्रों के कामकाज की समीक्षा करते हुए अगले साल के लिए रणनीति तय की जाएगी। साथ ही अगले साल के कार्य व लक्ष्य तय किए जाएंगे। राजनीतिक क्षेत्र के चुनावों पर चर्चा कर सभी चुनावी राज्यों में किए जाने वाले कार्यों व तत्काल उठाए जाने वाले कदमों पर विचार किया जाएगा। साथ ही इन राज्यों में किए जाने वाले कार्यों के लिए क्षेत्र तय किए जाएंगे। शिक्षा एवं वैचारिक क्षेत्र, आर्थिक जगत, सेवा कार्य तथा विभिन्न सामाजिक एवं राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर तीन दिन तक विभिन्न सत्रों में चर्चा कर संघ द्वारा जरूरी कार्य तय किए जाएंगे। इनमें संघ की शाखाओं, संगठन के विस्तार, साल भर चलने वाले कार्यक्रमों के साथ ही बीते साल में स्वयं सेवकों व संगठनों की सहभागिता की भी समीक्षा की जाएगी। जबकि राष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरण, परिवार प्रबोधन तथा सामाजिक समरसता जैसे विषयों पर मथन कर इन क्षेत्रों में उठाए जाने वाले कदम भी तय किए जाएंगे।
एक ही साल में दूसरी बैठक
आएसएस के तय कार्यक्रमों में अखिल भारतीय स्तर की समन्वय बैठक महत्वपूर्ण मानी जाती है। आमतौर पर यह बैठक साल में एक बार ही होती हैं, लेकिन इस बार एक साल ही में दूसरी बार यह बैठक हो रही है। इससे पहले इसी साल के आरंभ में 5 से 7 जनवरी तक समन्वय बैठक हैदराबाद में आयोजित की गई थी। असल में कोरोना काल के कारण पिछले साल यह बैठक हो नहीं पाई थी। इससे इसे आगे बढ़ा दिया गया था।