लोकसभा में राहुल गांधी के मोदी सरकार पर गंभीर सवाल, भाषण में ये 7 मुद्दे अहम रहे

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Atul Tiwari
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लोकसभा में राहुल गांधी के मोदी सरकार पर गंभीर सवाल, भाषण में ये 7 मुद्दे अहम रहे

नई दिल्ली. संसद का बजट सत्र (Budget Session) चल रहा है। 31 जनवरी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण (President Ramnath Covind Address) से बजट सत्र की शुरुआत हुई। 2 फरवरी को अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हुई। बहस की शुरुआत राहुल गांधी ने की। इसमें कांग्रेस नेता ने मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। जानिए, राहुल ने क्या कहा...







— Congress (@INCIndia) February 2, 2022





1. रोजगार पर: आप बात करते हो रोजगार देने की। 2021 में तीन करोड़ युवा खो चुके हैं। पचास साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी आज हिंदुस्तान में है। आपने मेक इन इंडिया की बात की, मगर जो रोजगार युवाओं को मिलना चाहिए, वो उन्हें नहीं मिला और ऊपर से बेरोजगारी पैदा हुई है। आप ने अपने भाषण में रोजगार को लेकर कुछ नहीं कहा।







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2. हिंदुस्तान को गरीब बना रहे: देश में दो हिंदुस्तान पैदा कैसे हुए? लेकिन हम यहां भाषण देते रहते हैं। न्यू इंडिया, मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया। जो गरीब हिंदुस्तान आप बना रहे हैं, ये मत सोचिए कि यह चुप बैठा रहेगा। ये चुप नहीं बैठेगा। इस हिंदुस्तान को सब दिख रहा है। इस हिंदुस्तान को दिख रहा है कि आज हिंदुस्तान के 100 सबसे अमीर लोगों के पास भारत के 55 करोड़ लोगों से ज्यादा संपत्ति है। पिछले सालों में स्मॉल-मीडियम एंटरप्राइजेज पर एक के बाद एक हमला किया है। नोटबंदी, गलत जीएसटी और कोरोना के समय जो गरीबों को समर्थन देना था, वो आपने उन्हें नहीं दिया। नतीजा यह हुआ कि आज 84% हिंदुस्तान के लोगों की आमदनी घटी है। और वे तेजी से गरीबी की ओर बढ़ रहे हैं।







— Congress (@INCIndia) February 2, 2022





आप साठ साल की बात कर रहें हैं तो बता दूं कि हमारी सरकार ने 27 करोड़ लोगों को गरीबी से निकाला था। ये हमारा आंकड़ा नहीं है। आप हंसिए, लेकिन ये हमारा आंकड़ा नहीं है। हमने 27 करोड़ लोगों को गरीबी से निकाला था और 23 करोड़ लोगों को आपने गरीबी में वापस डाल दिया।





3. AA वैरिएंट: फॉर्मल सेक्टर में मोनोपॉली (एकाधिपत्य) बन गई है। दो सबसे बड़े मोनोपॉलिस्ट के बारे में भी बोलूंगा। कोरोना के समय अलग-अलग वैरिेएंट्स आते हैं। ये दो भी दो अलग-अलग वैरिएंट्स (अंबानी-अडाणी, AA वैरिएंट्स) हैं। ये हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था में फैल रहा है। हिंदुस्तान के सभी पोर्ट्स, एयरपोर्ट्स, पॉवर, ट्रांसमिशन, माइनिंग, ग्रीन एनर्जी, गैस, एडिबल ऑयल के क्षेत्र में अब अडानी दिखाई देते हैं और दूसरे को टेलीकॉम, पेट्रोकेमिकल और ई-कॉमर्स में मोनोपोली दे दी गई, इसलिए सारा धन इन्हीं हाथों में जा रहा है। जो लोग आपका मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर बना सकते थे, उन्हें ही आपने खत्म कर दिया।







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4. हर राज्य को प्राथमिकता दें: अगर आप भारत के संविधान को पढ़ें तो पाएंगे कि भारत को राज्यों के संघ के तौर पर बताया गया है। इसका मतलब क्या है। इसका मतलब है कि तमिलनाडु के लोगों को उतनी ही प्राथमिकता मिलनी चाहिए, जितनी यूपी और अन्य राज्यों को मिलती है। उतनी ही प्राथमिकता मणिपुर, नगालैंड, जम्मू कश्मीर को भी मिलनी चाहिए। ये गंभीर मुद्दा है और मैं इस पर गंभीर जवाब चाहता हूं।





5. देश सहयोग से चलेगा: भारत राज्यों का संघ है यानी यह राष्ट्र सहयोग से चलेगा। ये एक साझेदारी है। आप कभी भी अपने जीवन में तमिलनाडु के लोगों पर राज कर सकेंगे। आपकी जो भी कल्पनाएं हों, लेकिन आप लोग भारत के राज्य के लोगों पर शासन नहीं कर सकेंगे। ये कभी नहीं हुआ। आप किसी भी साम्राज्य को देख लीजिए। आप अशोक से लेकर गुप्त साम्राज्य तक देख लें। समस्या यह है कि आप लोग भ्रमित हैं। ये भाषाएं, उनका इतिहास, आपको लगता है कि आप उन्हें दबा सकते हैं। आपको पता नहीं है कि आप किस विचार से लड़ रहे हैं। क्योंकि तमिलनाडु के लोगों का विचार अपनी भाषा का विचार है और यही उनका भारत का विचार है। केरल के लोगों का विचार अपनी भाषा और संस्कृति से जुड़ा है। उनका एक सम्मान और इतिहास है। राजस्थान के साथ भी परंपरा और जीने का तरीका है। ये एक फूलों के बुके की तरह है। ये हमारी ताकत है। मैं इन सब राज्यों के लोगों से सीखता हूं। मैं आप सबसे भी सीखता हूं और ये कोई मजाक नहीं है।







— Congress (@INCIndia) February 2, 2022




6. एक शहंशाह जैसा नहीं हो सकता: एक विजन ये भी है कि भारत को केंद्र से शासित किया जा सकता है। जब भी ऐसी कोशिशें की गईं, तब नाकामयाबी ही हाथ लगी। आपके नजरिए में समस्या कहां है? विश्व की ऐसी कोई ताकत नहीं है, जो इस तरह की हो। दूसरा विजन केंद्रीयकरण का है, जिसे कांग्रेस सरकार ने 1947 में ही खत्म कर दिया था। यह विजन था कि एक शहंशाह होगा, एक मास्टर ऑफ मास्टर्स होगा। अब क्या हो रहा है कि इस गलत नजरिए की वजह से अब राज्यों के बीच बातचीत के जो तरीके हैं, जिन्हें हम देश के संस्थान कहते हैं, उन पर हमला हो रहा है। उदाहरण के तौर पर तमिलनाडु का जो विचार है, उसे संस्थानों से दूर किया जा रहा है। वो लोग आपसे कह रहे हैं कि हमसे मिलिए, लेकिन आप उनसे नहीं मिल रहे। आप उनकी नहीं सुन रहे। इसी तरह पंजाब के किसान अपनी मांग रख रहे हैं और आप उन्हें नहीं सुन रहे हैं। किसान एक साल के लिए धरने पर बैठ रहे, वे कोरोना से मर सकते हैं, लेकिन आप उन्हें नहीं सुन रहे।






7. जानता हूं ये क्या है?: जब आप पेगासस को नेताओं की जासूसी के लिए लगाते हैं। प्रधानमंत्री इजराइल जाकर लोगों की जासूसी का उपकरण लाते हैं तो वे केरल, तमिलनाडु और हर राज्य के साथ धोखा कर रहे हैं। एक सरकार ने सभी संस्थानों पर कब्जा कर लिया है। मेरा डर है कि हमें इसका जवाब मिलेगा। आप ये जो हमला कर रहे हैं देश के संस्थानों पर, इसका जवाब मिलेगा। मेरे परदादा ने 15 साल जेल में बिताए। मेरी दादी को गोलियां लगी थीं और मेरे पिता विस्फोट में मारे गए थे। इसलिए मैं जानता हूं कि ये क्या है?



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