जयपुर. देश की सुरक्षा से ज्यादा अहम कुछ भी नहीं। 9 सितंबर को वायुसेना (Indian Air Force) ने पाकिस्तान के साथ लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा से कुछ किमी की दूरी पर इतिहास रच दिया। इमरजेंसी लैंडिंग फैसिलिटी (ELF) के रूप में देश को पहला ऐसा नेशनल हाईवे (NH-925A) मिल गया है, जहां वायुसेना के लड़ाकू विमान (Fighter Plane) आपात स्थिति में सीधे लैंडिंग की। राजस्थान की बाड़मेर-जालोर सीमा पर बने नेशनल हाईवे पर ELF का उद्घाटन रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और सड़क-परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने किया। ये हवाई पट्टी (Airstrip) भारत-पाक सीमा से महज 40 किमी दूर है। हाईवे पर C-130J सुपर हरक्यूलिस ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट ने लैंडिग की। इसमें राजनाथ, गडकरी और एयरफोर्स चीफ एयरचीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया भी मौजूद थे।
प्रोजेक्ट महज 19 महीने में तैयार हुआ
8 सितंबर को एयरफोर्स ने इस हवाई पट्टी पर पहली रिहर्सल की। इस दौरान तीन फाइटर प्लेन उतारे। सबसे पहले हरक्यूलिस प्लेन को लैंड कराया गया। इसके बाद सुखोई, मिग और अगस्ता हेलिकॉप्टर की लैंडिंग कराई गई। देश में यह पहली बार होगा जब किसी नेशनल हाईवे (National Highway- NH) का इस्तेमाल भारतीय वायुसेना के विमानों की इमरजेंसी लैंडिंग के लिए किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट को तैयार करने के लिए 2 साल का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन इसे 19 महीनों के अंदर ही कर लिया गया। जुलाई 2019 में इसकी शुरुआत की गई थी और इसी साल जनवरी में पूरा कर लिया गया।
देश में 12 हाइवे हो रहे तैयार
इसे भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत तैयार किया गया है। वायुसेना की इमरजेंसी लैंडिग के लिए तैयार किया गया है। यह युद्ध और इमरजेंसी में बेहद उपयोगी साबित होगा। 32.95 करोड़ रुपए की लागत से बनी यह हवाई पट्टी (Airstrip) 3 किमी लंबी और 33 मीटर चौड़ी है। रक्षा और परिवहन मंत्रालय के सहयोग से देश में इस तरह के 12 हाईवे तैयार किए जा रहे हैं, जहां विमानों की लैंडिंग कराई जा सके। इससे पहले वायुसेना प्रमुख (IAF Chief) आरकेएस भदौरिया ने कहा कि एयरफोर्स अगले दो दशक में 350 विमान खरीदने की योजना बना रही है।
सड़क पर बैलगाड़ी-ट्रैक्टर देखे होंगे, विमान उतरना ऐतिहासिक- राजनाथ
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘आपने सड़क पर ट्रैक्टर, बैलगाड़ी चलते हुए देखे होंगे और अब आप सड़क पर विमान उतरते हुए देख रहे हैं। इंटरनेशनल बॉर्डर से कुछ ही दूर ऐसी स्ट्रिप का तैयार होना ये साबित करता है कि हम अपनी रक्षा के लिए तैयार हैं और सक्षम हैं। हम एक भारत और सशक्त भारत की दिशा में तेजी से बढ़ रहे हैं।’
इन देशों में भी हैं हाईवे इमरजेंसी हवाई पट्टी
जर्मनी, स्वीडन, दक्षिण कोरिया, ताइवान, फिनलैंड, स्विट्जरलैंड और सिंगापुर सहित कई देशों ने अपने राजमार्गों और एक्सप्रेस-वे पर विमानों के उतरने और आपात स्थिति में उड़ान भरने के लिए ऐसी हवाई पट्टी बनाई हैं। भारत में यह पहली इमरजेंसी हवाई पट्टी है, जो बनकर तैयार हो चुकी है। जबकि, आंध्र प्रदेश में ऐसी दो, जबकि पश्चिम बंगाल और जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय राजमार्गों पर एक-एक और हवाई पट्टी बनाई जा रही है। उत्तर प्रदेश में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर हवाई पट्टी ऑपरेशनल है, जिस पर 2017 में वायुसेना ने ट्रायल किया था। भारत में ऐसे राजमार्ग पर करीब 12 जगह हवाई पट्टी बनाया जाना प्रस्तावित है, जिसमें कई जगह काम चल रहा है और कुछ जगह शुरू होना है।