खैरागढ़. छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ उपचुनाव में राम भी एक मुद्दा बन गए हैं। यह मसला मुख्यमंत्री बघेल के उन फ्लैक्स से उपजकर मसला बन गया है, जिसमें भगवान राम और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दोनों नुमायां है और ऊपर कोने में पंजे का निशान है। ये फ्लैक्स खैरागढ़ विधानसभा में कई जगहों पर लगाए गए हैं। बैनर में भगवान राम की तस्वीर और मुख्यमंत्री बघेल की तस्वीर के बीच लिखा गया है- ”किसान वनवासी के साथी, वो भक्त भांचा राम के..नवा छत्तीसगढ़ गढ़ रहे हैं बिना तनिक विश्राम के।”
ये लाइनें मुख्यमंत्री बघेल के लिए हैं। इन पंक्तियों के ठीक नीचे लिखा है - भूपेश का हाथ, खैरागढ़ के साथ।
बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने
इस बैनर को लेकर बीजेपी ने आपत्ति जताई है। खैरागढ़ उपचुनाव में बीजेपी के लिए मोर्चाबंदी संभाल रहे विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने इसे आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए शिकायत किए जाने की बात कही है। दिलीपपुर में कार्यकर्ताओं से अग्रवाल ने कहा- जो राम का अस्तित्व मानने से इनकार करते थे, जिन्हें मंदिर बनने पर आपत्ति थी, उन्हें अब राम याद आ रहे हैं। यह ग्रंथों में लिखा है कि राम का नाम अंतिम समय में लेने से मुक्ति मिल जाती है।जवाब में कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा- राम सबके हैं और राम का नाम, राम की तस्वीर लेकर जब भाजपा वोट मांगती थी, तो कुछ नहीं था क्या? राम वन पथ गमन मार्ग भूपेश सरकार बना रही है, माता कौशल्या का स्थल और मंदिर को वैभव दिलाने का प्रयास भूपेश सरकार कर रही है। मुख्यमंत्री बघेल छत्तीसगढ़ के भांजे राम के भक्त हैं। बैनर में यही तो है, तब दिक्कत क्या है? कांग्रेस के तर्क और बीजेपी के आरोप के बीच खैरागढ़ उपचुनाव में भी राम मुद्दा बन गए हैं।