UTTARKASHI. 12 नवंबर, दीपावली का दिन। यह वह दिन था जब उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सुरंग में मलबा धंसने से 41 मजदूर टनल में फंस गए थे। दुनिया से उनका संपर्क टूट चुका था। माना 41 के 41 मजदूर धरती के गर्भ में समाए हुए थे। एक दो दिन के प्रयास के बाद मजदूरों तक किसी तरह खाने-पीने का सामान भिजवाया गया, किसी ने नहीं सोचा था कि आज के हालात में 41 कर्मवीरों को बाहर निकालने में 16 दिन लगेंगे। जब मशीनों ने दगा दे दिया तो नौबत मैन्युअल खुदाई करने पर आ गई। ऐसे में दिल्ली के रेट माइनर्स की टीम ने काफी जद्दोजहद कर 24 घंटे की बजाए 15 घंटे लगातार खुदाई की। धरती का सीना चीरकर 41 कर्मवीरों को दूसरा जन्म दिलाया।
12 लोगों की टीम ने देश के चेहरे पर लाई मुस्कान
मंगलवार की रात पूरे देश के चेहरे पर मुस्कान थी, 41 कर्मवीरों के परिवार और नातेदार ईश्वर का शुक्रिया कर रहे थे। इस सब के पीछे उन 12 रैट माइनर्स की टीम का हौसला था, जिन्होंने तमाम मुश्किलों के बीच सिलसिलेवार खुदाई करते हुए मजदूरों को बाहर निकाला। इस टीम की अगुवाई नसीम नाम के रैट माइनर कर रहे थे जबकि उन्हें असिस्ट करने का काम नासिर का था। दोनों ने अपने नाम को बखूबी सिद्ध किया।
नसीम का मतलब होता है ताजा हवा की सांस, नसीम ने उन 41 कर्मवीरों को 16 दिन बाद ताजा हवा की सांस दिलाने में अहम भूमिका निभाई, जबकि नासिर का मतलब होता है मददगार, इस काम में नसीम की पूरी मदद करने का काम नासिर ने बखूबी किया।
बाहर तेज सर्दी, अंदर पसीने में भीगे हुए थे रैट माइनर्स
नसीम ने बताया कि 800 एमएम के पाइप में बैठक हाथ से ड्रिलिंग करना बहुत मुश्किल था। पर हम पूरा मन बना चुके थे कि आज किसी तरह मजदूरों को बाहर निकालना ही है। मलबा हटाने, सरिए काटने के चलते धूल आंखों में आ रही थी, हम पसीने से भीगे थे। लेकिन उन 41 लोगों को यह अहसास हो चुका था कि हम उन तक पहुंचने ही वाले हैं। उनकी आवाजें और खुशी ने हमें हर मुश्किल को झेलते हुए काम करने का हौसला दिया। हम जब भी परेशान होते या दम घुटने का अहसास होता तो यह याद कर लेते थे कि 41 लोग 16 दिन से इसी हालात में कैद हैं।
खुशी से चिल्ला पड़े थे 41 कर्मवीर
नसीम ने बताया कि हमने जैसे ही आखिरी पत्थर काटकर हटाया तो 41 लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं था। वे जोर-जोर से चिल्ला रहे थे। मैं उनके करीब पहुंचा तो उन्होंने मुझे गले लगा लिया। फिर एक-एक करके हर मजदूर को बाहर निकालने का काम किया गया।