कोरोना आपदा में गरीबों के देवदूत बने अनिल: स्कॉलरशिप की राशि से बांटा राशन, बाइक को बनाया एंबुलेंस

author-image
एडिट
New Update
कोरोना आपदा में गरीबों के देवदूत बने अनिल: स्कॉलरशिप की राशि से बांटा राशन, बाइक को बनाया एंबुलेंस

छत्तीसगढ़(CG) के दंतेवाड़ा जिले के एक छोटे से गांव में रहने वाला अनिल नागा ग्रामीणों के लिए मसीहा बने हुए हैं। नक्सल प्रभावित इलाके गढ़मिरी के रहने वाले युवा की उम्र केवल 21 साल है। अनिल कोरोना काल में ग्रामीणों की खूब सहायता और सेवा करने में जुटे हुए हैं। वह नक्सली इलाकों के 5 हजार से ज्यादा ग्रामीणों तक राशन के पैकेट पहुंचा चुके हैं। इतना ही नहीं, वह बीमार ग्रामीणों का इलाज करवाने के लिए खुद की बाइक को एंबुलेंस बना कर मरीजों को अस्पताल पहुंचा रहे हैं। यह नौजवान अब छोटे एवं दूर के इलाकों के बच्चों को शिक्षा देने का प्रयास भी कर रहे हैं। इस काम में उनके दोस्त भी साथ दे रहे हैं।

अनिल से लोगों का दर्द देखा नहीं गया

अनिल किसी बड़े परिवार का हिस्सा नहीं हैं। इसलिए वह पढ़ाई के दौरान कॉलेज में मिली छात्रवृत्ति (Scholarship) को बैंक में जमा करके रखते थे, ताकि उन पैसों से वह कुछ रोजगार शुरू कर सकें। मगर अनिल का दिल बहुत बड़ा है। कोरोना काल में अनिल से लोगों का दर्द देखा नहीं गया। उन्होंने खाते में जमा किए करीब 80-90 हजार रुपए निकाल कर ग्रामीणों की मदद करना शुरू कर दी। अनिल ने गांव के लोगों के लिए राशन खरीदा, सुरक्षा में तैनात जवानों के लिए नाश्ते का बंदोबस्त किया। मास्क व हैंड सैनिटाइजर भी वितरित किए।

ग्रामीणों को बांटा राशन

अनिल ने जिंदादिली को दर्शाते हुए कहा कि वे रोजगार तो कभी भी शुरू कर सकते हैं, लेकिन भूख से किसी ग्रामीण को तड़पते नहीं देख सकते। कोरोना ने गरीबों का काम छीन लिया था। ऐसे में मजदूर या ग्रामीण भूखा न सोए इसलिए हिरोली, गुमियापाल, मारजुम, चिकपाल, तेलम-टेटम जैसे कई नक्सल प्रभावित गांव में अनिल पहुंचे। हर घर में राशन के पैकेट दिए।

1500 मरीजों को उपलब्ध कराया खून  

कोरोना की पहली और दूसरी लहर में कई लोगों ने उन्हें घर से बाहर नहीं निकलने की हिदायत दी। इसके बाद भी वह रुके नहीं।वह सावधानी से गांव-गांव घूमते रहे और लोगों की सेवा में जुटे रहे। साथ ही अनिल ने बस्तर संभाग के अलग-अलग जिलों के लगभग 1500 मरीजों के लिए ब्लड उपलब्ध करवाया। यदि किसी जिले से मरीज या उनके परिजनों का फोन आता तो वह खुद डोनर को लेकर अस्पताल पहुंच जाते थे।

गरीब बच्चों के लिए बनाई युवाओं की टीम

ग्रामीणों की मदद करने के अलावा अनिल ने कुछ गांवों में शिक्षित युवाओं की टीम भी तैयार की है। जो अपना समय निकाल कर बच्चों को शिक्षा से जोड़ने का कार्य करेंगे। इस अभियान की फिलहाल इन्होंने अभी शुरुआत की है। अनिल ने शुरुआत में खुद अपने पैसे लगाए लेकिन जब लोगों ने उनके जज्बे को देखा तो कई किराना दुकान के व्यापारियों ने मदद करनी शुरू कर दी। जिला प्रशासन की तरफ से भी राशन उपलब्ध करवाया गया है। साथ ही कई जन प्रतिनिधियों ने उन्हें राशन लेने के लिए आर्थिक मदद की है।

Chhattisgarh Cg Anil Naga village hero ग्रामीणों की मदद 1500 मरीजों 5 हजार लोगों ki madat ki hero bane Anil logo ki krte hai madat helping person