NEW DELHI. उत्तराखंड के उत्तरकाशी से राहत देने वाली खबर सामने आ रही है। यहां सिल्क्यारा टनल में 11 दिन से फंसे 41 मजदूरों को जल्द बाहर निकाले जाने की उम्मीद है। टनल के प्रवेश पॉइंट से अमेरिकी ऑगर मशीन काफी हद तक पाइप ड्रिल कर चुकी है। अब 10 मीटर से भी कम की ड्रिलिंग बाकी है। उम्मीद जताई जा रही है कि इन सभी मजदूरों को बुधवार देर रात या गुरुवार अलसुबह तक बाहर लाया जा सकेगा। एक अनुमान के मुताबिक ये सभी मजदूर 57 मीटर नीचे फंसे हुए हैं।
सामान्य होने में लगेगा समय
सरकार की अथक कोशिशों के चलते सभी मजदूर जल्द ही अपने परिवार के बीच होंगे। प्रशासन ने घटना स्थल के बाहर एंबुलेंस और प्राथमिक इलाज की व्यवस्था कर रखी है। साथ ही 40 से ज्यादा बेड के अस्पताल को तैयार रखा गया है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि मजदूरों के बाहर आने के बाद भी उनका जीवन सामान्य होने में काफी समय लगेगा। उन्हें डर के अलावा अन्य बीमारियां होने का खतरा हो सकता है।
ये दो दिक्कतें हो सकती हैं
मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि टनल में काम करने वाले श्रमिक तंग माहौल में जीने के अभ्यस्त होते हैं। लेकिन इस हादसे के बाद हालात अलग हैं। वे तंग माहौल में लंबे समय तक फंसे रहे हैं। ऐसे में उन्हें क्लोज स्पेस फोबिया हो सकता है। यानी उनमें छोटे कमरों और तंग माहौल को लेकर डर बैठ सकता है। उनमें पोस्ट ट्रॉमा चेस्ट डिसऑर्डर की समस्या भी हो सकती है। इसमें सांस लेने में दिक्कत होती है। साथ ही पसीना आना या फिर नींद की कमी हो सकती है। हालांकि यह भी डर के कारण ही होता है। इसके लिए उनके अंदर के डर को भगाने के प्रयास करने होंगे। इसलिए इलाज के साथ काउंसिलिंग भी करनी होगी।