NEW DELHI. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री एल. मुरुगन के खिलाफ आपराधिक मानहानि की कार्यवाही पर रोक लगा दी है। मामला 2020 का है। 2020 में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुरुगन के कथित मानहानि वाले बयानों को लेकर चेन्नई स्थित मुरासोली ट्रस्ट ने शिकायत की थी। मद्रास हाईकोर्ट ने 5 सितंबर को कार्यवाही को रद्द करने से इनकार कर दिया था। हाईकोर्ट के इनकार के बाद मुरुगन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। मुरुगन की याचिका जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस पीके मिश्रा की पीठ में सुनवाई के लिए आई।
मुरासोली ट्रस्ट से भी जवाब मांगा
सुप्रीम कोर्ट ने मुरुगन की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जताते हुए मुरुगन के खिलाफ चेन्नई की एक स्पेशल कोर्ट में लंबित कार्यवाही पर रोक लगा दी। पीठ ने उनकी याचिका पर मुरासोली ट्रस्ट से भी जवाब मांगा।मुरुगन के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि मानहानि की कार्यवाही शुरू करना अवैध था और शिकायत सियासत के मकसद से दायर की गई थी।
छह हफ्ते बाद अगली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई छह सप्ताह बाद तय की है। दरअसल तमिलनाडु के सीएण और डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन मुरासोली ट्रस्ट के प्रबंध ट्रस्टी रहे हैं। सितंबर की शुरुआत में मद्रास हाईकोर्ट ने चेन्नई में ट्रस्ट के कब्जे वाली भूमि पर की गई टिप्पणी पर भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री मुरुगन के खिलाफ मुरासोली ट्रस्ट द्वारा दायर मानहानि मामले को रद्द करने से इनकार कर दिया था।