नई दिल्ली. बीते सालों में वायु प्रदूषण (Air Pollution) एक बड़ा खतरा बनकर उभरा है। पराली, पटाखे, फैक्ट्रियां और वाहनों की बढ़ती संख्या को इसकी प्रमुख वजह बताई जाती है। दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में तो हवा इस कदर खराब है कि यहां सांस लेना तक खतरनाक हो चुका है। दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index- AQI) चीन और पाकिस्तान से भी खराब हो चुका है।
पहले पर दिल्ली, दूसरे पर लाहौर
दुनियाभर के AQI पर निगरानी रखने वाली संस्था आईक्यू एयर (IQ Air) के आंकड़ों पर गौर करें, तो 12 नवंबर को दिल्ली दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में पहले स्थान पर है। दूसरे पायदान पर पाकिस्तान का लाहौर (Lahore) है। इसी तरह बुल्गारिया की राजधानी सोफिया तीसरे और कोलकाता (Kolkata) चौथे स्थान पर है।
टॉप 10 प्रदूषित शहरों में तीन भारत के
आंकड़ों के मुताबिक, 12 नवंबर को दुनिया के टॉप 10 शहरों में दिल्ली टॉप पर रहा, यहां का AQI 556 था। 177 AQI के साथ चौथे नंबर पर था। मुंबई का AQI 169 दर्ज किया गया।
दुनिया के टॉप 10 प्रदूषित शहर
1. दिल्ली, भारत (AQI: 556)
2. लाहौर, पाकिस्तान (AQI: 354)
3. सोफिया, बुल्गारिया (AQI: 178)
4. कोलकाता, भारत (AQI: 177)
5. जाग्रेब, क्रोएशिया (AQI: 173)
6. मुंबई, भारत (AQI: 169)
7. बेलग्रेड, सर्बिया (AQI: 165)
8. चेंगदू, चीन (AQI: 165)
9. स्कोपिया, उत्तरी मैसीडोनिया (AQI: 164)
10. क्राको, पोलैंड (AQI: 160)
बढ़े हुए PM2.5 स्तर के चलते फेफड़ों को नुकसान
सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, दिल्ली की हवा में फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने वाले PM2.5 (धूल के बेहद महीन कण) का स्तर 12 नवंबर आधी रात के करीब 300 का आंकड़ा पार कर गया। शाम 4 बजे यह 381 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर था। हवा के सुरक्षित होने के लिए PM2.5 का स्तर 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर होना चाहिए। फिलहाल यह सुरक्षित सीमा से करीब 6 गुना ज्यादा है। PM2.5 इतना छोटा होता है कि यह फेफड़ों के कैंसर और सांस से जुड़ी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।