LUCKNOW. यूपी सरकार अब हर योजना को टेक्नोलॉजी से जोड़ने का काम कर रही है। ऐसे में यह काम काफी तेजी से पूरा किया जा रहा है। बता दें कि योगी सरकार ने अपनी सभी योजनाओं को डिजीलॉकर पर लाइव कर दिया है। वहीं इसके बाद से यूपी के सभी नागरिक डिजीलॉकर पर अपनी फैमिली आईडी को भी एक्सेस करने में सक्षम होंगे।
डिजिलॉकर पर फैमिली आईडी को कर सकेंगे एक्सेस
बता दें कि फैमिली ई-पासबुक विजिबिलिटी और अवेयरनेस में सुधार करने के लिए विकसित की गई है। साथ ही यूपी सरकार का कहना है कि प्रदेश में वे सभी लोग जिनका फैमिली आईडी के लिए रजिस्ट्रेशन हो चुका है, वो डेस्कटॉप या मोबाइल फोन के जरिए डिजीलॉकर पर जाकर अपनी फैमिली आईडी को एक्सेस कर सकेंगे। वहीं फैमिली आईडी का उद्देश्य अप्रयुक्त योजनाओं में पात्र लाभार्थियों की पहचान के माध्यम से योजनाओं को बेहतर कवरेज देना, डुप्लीकेट और फर्जी लाभार्थियों को हटाना और प्रमाण के बोझ को कम करके नागरिकों के लिए योजनाओं में आवेदन करने की प्रक्रिया को सरल करना है।
क्या है डिजिलॉकर
डिजिलॉकर डिजिटल इंडिया की एक पहल है, जिसमें जरूरी दस्तावेजों की सॉफ्ट कॉपी को संभाल कर रखा जा सकता है। डिजिलॉकर में आपके दस्तावेज लिंक के रूप में दिखते हैं। अगर आप किसी योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो दस्तावेजों की हार्ड कॉपी के बजाए आप वहां एक लिंक दे सकते हैं, जिससे आपके दस्तावेज की जांच आसानी से की जा सकती है।
करोड़ों लोगों को मिलेगा लाभ
गौरतलब है कि यूपी में 4.8 करोड़ लाभार्थियों को 13 विभागों की ओर से 42 योजनाओं और सेवाओं में फैमिली आईडी डेटाबेस में मैप किया गया है। साथ ही भारत सरकार की 4 योजनाओं के लाभार्थी डेटा को इससे जोड़ा गया है और अलग-अलग एनालिटिक्स उपयोग मामलों में संभावित नए लाभार्थियों की पहचान की गई है। इस योजना के लाभार्थियों में 3.61 करोड़ राशन कार्ड होल्डर परिवार पहले से ही एनएफएसए डेटाबेस का हिस्सा हैं। जानकारी के मुताबिक उनका राशन कार्ड नंबर ही उनकी फैमिली आईडी है। वहीं, नॉन राशन कार्ड होल्डर्स परिवारों के लिए फैमिली आईडी के तहत नामांकन करने का प्रावधान भी किया गया है। जिसके बाद लगभग 1.42 लाख आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें से 55 हजार परिवार आईडी बनाई जा चुकी है।