Delhi. जीएसटी काउंसिल(GST Council) की 28-29 जून को चंडीगढ़(Chandigarh) में होने जा रही बैठक के पहले सोमवार को सभी राज्यों के अधिकारियों की लॉ कमेटी(law committee) के साथ बैठक हुई लेकिन बैठक की शुरूआत में ही रिवेन्यू सेक्रेटरी तरूण बजाज भड़क गए। उन्होंने कहा कि जीएसटी काउंसिल का एजेंडा बाहर मीडिया में जा रहा है, खासकर ग्रुप आफ मिनिस्टर्स(group of ministers) की अनुशंसाएं जिस पर भी तक चर्चा भी नहीं हुई, वह मीडिया में छप रही है और इसके बाद अलग-अलग जगह से प्रेशर ग्रुप लगातार फोन कर इन्हें रूकवाने या संशोधन कराने में लग जाते हैं। बजाज ने कहा कि केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण(Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) भी इन बातों से काफी नाखुश हैं, इसलिए अबसे तय किय गया है कि पूरा एजेंडा और रिपोर्ट पासवर्ड प्रोटेक्टेड(Complete agenda and reports password protected) कर ही भेजा जाएगा और यह केवल कमिशनर स्तर पर जाएगा, जिससे किसी तरह का लीकेज नहीं हो। वहीं अधिकारियों की बैठक में लॉ कमेटी द्वारा रिफंड व अन्य मामलों में होने वाले नोटिफिकेशन को लेकर चर्चा की गई अब मंगलवार को काउंसिल की औपचारिक बैठक शुरू होगी, जिसमें ग्रुफ आफ मिनिस्टर्स की रिपोर्ट रखकर टैक्स स्लैब(tax slab) व अन्य मुद्दों पर चर्चा होगी। बैठक बुधवार को भी जारी रहेगी, जिसके बाद केंद्रीय वित्तमंत्री प्रेस कांफ्रेंस करेंगी।
इन ंमुद्दों पर होगी चर्चा
बैठक में दरों को युक्तिसंगत बनाने के अलावा विपक्ष शासित राज्य क्षतिपूर्ति के भुगतान पर चर्चा कर सकते हैं। कर दरों पर आधिकारियों की समिति या फिटमेंट कमेटी द्वारा प्रस्तावित दरों पर विचार किया जाएगा। समिति ने कृत्रिम अंगों और आर्थोपेडिक प्रत्यारोपण पर एक समान पांच प्रतिशत जीएसटी दर लागू करने की सिफारिश की है। समिति ने रोपवे यात्रा पर जीएसटी दर को वर्तमान में 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने की भी सिफारिश की है। इसके अलावा इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर जीएसटी दरों पर एक स्पष्टीकरण जारी किया जा सकता है, जिसके मुताबिक ईवी, चाहे बैटरी से लैस हों या नहीं, पर पांच प्रतिशत की दर से कर लगेगा। जीएसटी परिषद में राज्यों के वित्त मंत्रियों के समूह की दो रिपोर्टें भी पेश की जाएंगी। जीएसटी परिषद की बैठक में विपक्ष शासित राज्य राजस्व घाटे की क्षतिपूर्ति को जारी रखने की पुरजोर वकालत करेंगे। दूसरी ओर केंद्र ऐसे किसी कदम को तंग राजकोषीय स्थितियों का हवाला देते हुए रोकना चाहेगा।जीएसटी (माल एवं सेवा कर) क्षतिपूर्ति कोष में कमी को पूरा करने के लिए केंद्र ने 2020-21 में 1.1 लाख करोड़ रुपये और 2021-22 में 1.59 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लिया और राज्यों को जारी किया। उपकर संग्रह में कमी की वजह से ऐसा किया गया। जीओएम ने अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की है कि ऑनलाइन गेमिंग के समूचे मूल्य पर कर लगाया जाना चाहिए, जिसमें खेल में भाग लेने पर खिलाड़ी द्वारा भुगतान किया जाने वाला प्रवेश शुल्क भी शामिल है। वहीं घुड़दौड़ के मामले में जीओएम ने सुझाव दिया है कि दांव लगाने के लिए जमा की गई पूरी राशि पर जीएसटी लगाया जाए। परिषद दो लाख रुपये और उससे अधिक मूल्य के सोने/कीमती पत्थरों की राज्यों के बीच आवाजाही के लिए ई-वे बिल और ई-चालान अनिवार्य करने पर भी विचार करेगी। यह व्यवस्था 20 करोड़ रुपये से अधिक वार्षिक कारोबार वाली कंपनियों के लिए होगी। इसके साथ ही जीएसटी परिषद ई-कॉमर्स मंच का उपयोग करने के लिए छोटे व्यवसायों को अनिवार्य पंजीकरण मानदंडों से छूट दे सकती है। इसके साथ ही 1.5 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाले ई-कॉमर्स आपूर्तिकर्ताओं को कंपोजिशन योजना चुनने की अनुमति होगी, जो कर की कम दर और सरल अनुपालन की पेशकश करती है।