दिल्ली. दिल्ली की सरकार (Delhi government) ने नई नीति (New Policy) के तहत शराब पीने वालों की उम्र 25 से 21 कर दी गई है। अब यह नई आबकारी नीति (Excise Policy) लागू हो चुकी है, दिल्ली में । इसके तहत दिल्ली में अब शराब की सरकारी दुकानें (Government Shops) नहीं खुलेंगी बल्कि सभी दुकानें प्राइवेट (Shops Pvt.) होंगी। वहीं पूर्व आप नेता व कवि कुमार विश्वास (Kumar Vishwas) ने भी दिल्ली सरकार को आड़े हाथों लिया है और इशारों ही इशारों में करोड़ों के खेल का गंभीर आरोप (serious allegations) लगाया है। दिल्ली सरकार अपनी इस नीति के लिए विपक्ष के साथ ही अपने कई पुराने साथियों का भी विरोध झेल रही है। नई आबकारी नीति के खिलाफ 3 जनवरी को पूरी दिल्ली में बीजेपी (BJP) ने चक्का जाम किया हुआ है।
भ्रष्टाचार के आरोप लाए : इस सब के बीच कुमार विश्वास ने दिल्ली सरकार को घेरते हुए लिखा कि पीनेवालों की उम्र 21 से 18 करने और 1000 नए ठेके खुलवाने की नीति लागू करने की सिफारिश लेकर 2016 में दिल्ली शराब माफिया,दारू जमाखोर विधायक के साथ मेरे पास आया था। मैंने दुत्कार कर भगाया था और दोनों नेताओं को चेताया था। अब छोटेवाले के साले ने 500 करोड़ की डील में मामला सेट कर लिया है। वह बिना किसी नेता का नाम लिए इशारों में अपनी बात कह देते हैं जिसके बाद उनके ट्वीट पर रिप्लाई करने वालों की लाइन लग जाती है। लोग ट्वीट करके तरह-तरह की बातें लिख रहे हैं।
आप विधायक ने किया पलटवार : इसके जवाब में नरेश बाल्यान ने ट्वीट कर कहा 'लगता है आज सुबह गलत पदार्थ का सेवन कर लिया है आपने, 2021 तक दिल्ली में शराब पीने की आयु 25 वर्ष थी, नई नीति के बाद 21 वर्ष की गई है, दूसरा तथ्य यह है कि शराब का एक भी ठेका नहीं बढ़ा है, 4 कम हुए है, बाकी हमे पता है की राज्यसभा का दर्द जीवन भर रहेगा, ऐसे ही झूठ फैलाते रहे!'
“चोर जो चुप ही लगा जाता तो वो कम पिटता,
बाप का नाम बताने की ज़रूरत क्या थी..!”
????मैंने तो बस “दारू जमाख़ोर विधायक” लिखा था, तुम ही आए थे यह जताने की ज़रूरत क्या थी बालक ????? https://t.co/KPyVs4jZLd
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) January 3, 2022
इस पर कुमार विश्वास ने भी जवाब में ट्वीट करते हुए ये खुलासा कर दिया कि वो जिस दारू जमाखोर विधायक की बात कर रहे थे वह बाल्यान ही हैं। कुमार विश्वास ने लिखा, “चोर जो चुप ही लगा जाता तो वो कम पिटता, बाप का नाम बताने की जरूरत क्या थी..!” मैंने तो बस “दारू जमाखोर विधायक” लिखा था, तुम ही आए थे यह जताने की जरूरत क्या थी बालक?