NEW DELHI. दिल्ली आबकारी नीति मामले में पूर्व डिप्टी सीएम और AAP नेता मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार, 16 अक्टूबर को सुनवाई हुई। इस दौरान केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) के वकील ने कोर्ट को बताया कि आम आदमी पार्टी (AAP) को आरोपी बनाने पर विचार किया जा रहा है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ED से पूछा कि निचली अदालत में सिसोदिया के खिलाफ आरोप तय करने की प्रक्रिया अब तक शुरू क्यों नहीं हुई? सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई और ईडी से कहा कि सिसोदिया को अनिश्चित काल तक जेल में नहीं रख सकते। सुनवाई बेनतीजा रही और मंगलवार को भी जारी रहेगी।
आरोपों पर बहस कब शुरू होगी?
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एस वी एन भट्टी की पीठ से दोनों जांच एजेंसियों की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने कहा उन्होंने राज्य को निर्देश दिए हैं कि एजेंसियां आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाने पर विचार कर रही हैं, हालांकि, पीठ ने एसवी राजू से मंगलवार को इस बारे में अपना रुख स्पष्ट करने को कहा कि क्या सीबीआई और ईडी की जांच वाले मामलों में आप के खिलाफ अलग-अलग आरोप होंगे। कोर्ट ने पूछा कि सिसोदिया के खिलाफ आरोपों पर बहस कब शुरू होगी।
क्या बोले सरकारी वकील
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू से पीठ ने कहा कि आप सिसोदिया को अनिश्चितकाल तक जेल में (सलाखों के पीछे) नहीं रख सकते। एक बार किसी मामले में आरोप पत्र दायर हो जाने के बाद, आरोप पर बहस तुरंत शुरू होनी चाहिए। कोर्ट की टिप्पणी पर राजू ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सिसोदिया के खिलाफ मामले दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 207 (आरोपी को दस्तावेजों की आपूर्ति) के चरण में हैं। इसके बाद आरोपों पर बहस शुरू होगी। बता दें कि दिल्ली आबकारी नीति मामले में AAP के दो बड़े नेता संजय सिंह और मनीष ससोदिया समेत कई लोगों को ईडी और सीबीआई ने गिरफ्तार किया हैं, दोनों ही नेता इस समय न्यायिक हिरासत में हैं।