New Delhi. दुनिया में प्यार और शादी की परिभाषा अलग-अलग है। 'प्यार, प्यार होता है।' भले ही पुरुष को महिला से, महिला को महिला से या पुरुष को पुरुष से हो, लेकिन प्यार तो प्यार ही होता है। समाज में जहां एक महिला और पुरुष के प्रेम संबंध को स्वीकार नहीं किया जाता तो हम ये कैसे मान लें कि ये दुनिया समलैंगिकता को स्वीकार कर लेगा। क्या समलैंगिकता अपराध है या प्यार करना अपराध है? भारत में समलैंगिक शादी को कानूनी मान्यता देने से सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया है। ऐस में इस पर फिर बहस शुरू हो गई है। जानते हैं कहां से आया, सबसे पहले कौन से देश ने दी मान्यता और कौन-कौन से देश में होती है समलैंगिक शादी।
32 देशों में समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता
समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने वाले देशों में अब एक नया नाम अमेरिका का भी जुड़ गया है। बता दें, अमेरिका की संसद द्वारा सेम जेंडर मैरिज बिल को पास करने के साथ ही उन हजारों समलैंगिक जोड़ों को बहुत बड़ी राहत मिली है, जिन्होंने उच्चतम न्यायालय के 2015 के फैसले के बाद शादी की थी। इस फैसले के तहत देशभर में समलैंगिक शादियों को कानूनी मान्यता दी गई। इसी के साथ अब दुनिया में कम से कम 32 देशों में समलैंगिक विवाह की अनुमति है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा था-'प्यार-प्यार होता है'
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस विधेयक के पारित होने पर खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि प्यार-प्यार होता है। इस विधेयक के पारित होने के बाद ये सुनिश्चित होगा कि एलजीबीटीक्यू के युवा इस बात के साथ बड़े होंगे कि वे भी पूर्ण, खुशहाल जीवन जी सकें और अपने परिवार का निर्माण कर सकें।
आज से 23 साल पहले नीदरलैंड ने दी थी अनुमति
समलैंगिक विवाह को अनुमति देने वाला पहला देश नीदरलैंड है। इस देश ने 1 अप्रैल 2000 में सेम जेंडर मैरिज को मान्यता दे दी थी। बता दें कि समलैंगिक विवाह को मंजूरी देने वाले अधितकर यूरोपीय और दक्षिण अमेरिकी देश हैं। कुल मिलाकर अब तक 32 देशों ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता दे दी है।
समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने वाले देश
- अर्जेंटीना (2010 से)
- ऑस्ट्रेलिया (2017 से)
- ऑस्ट्रिया (2019 से)
- बेल्जियम (2003 से)
- ब्राजील (2013 से)
- कनाडा (2005 से)
- चिली (2022 से)
- कोलंबिया (2016 से)
- कोस्टा रिका (2020 से)
- डेनमार्क (2012 से)
- इक्वाडोर (2019 से)
- फिनलैंड (2010 से)
- फ्रांस (2013 से)
- जर्मनी (2017 से)
- आइसलैंड (2010 से)
- आयरलैंड (2015 से)
- लक्समबर्ग (2015 से)
- माल्टा (2017 से)
- मेक्सिको (2010 से)
- नीदरलैंड्स (2001 से)
- न्यूज़ीलैंड (2013 से)
- नॉर्वे (2009 से)
- पुर्तगाल (2010 से)
- स्लोवेनिया (2022 से)
- दक्षिण अफ्रीका (2006 से)
- स्पेन (2005 से)
- स्वीडन (2009 से)
- स्विट्ज़रलैंड (2022 से)
- ताइवान (2019 से)
- यूनाइटेड किंगडम (2020 से)
- संयुक्त राज्य अमेरिका (2015 से)
- उरुग्वे (2013 से)
क्या है समलैंगिक विवाह/ सेम जेंडर मैरिज?
समलैंगिक विवाह जिसे सेम जेंडर मैरिज भी कहा जाता है। इसमें एक जेंडर वाले दो लोग आपस में शादी करते हैं, जैसे दो लड़कियां और दो लड़के आपस मे शादी करेंगे तो इसे समलैंगिक विवाह कहा जाएगा। भारत में अभी समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता नहीं मिली है, वहीं दुनिया के 32 देश ऐसे हैं जहां समलैंगिक विवाह यानी की सेम जेंडर मैरिज को कानूनी रूप से मान्यता मिल गई है।
एलजीबीटीक्यू क्या है?
समलैंगिकों को आम बोलचाल की भाषा में एलजीबीटीक्यू (LGBTQ) यानी लेस्बियन (LESBIAN ), गे(GAY), बाईसेक्सुअल (BISEXUAL) ट्रांसजेंडर (TRANSGENDER) और क्वियर कहते हैं। इसलिए इसे LGBTQ भी कहा जाता है।
केरल के दो लेस्बियन कपल का फोटोशूट
सोशल मीडिया पर केरल की दो लेस्बियन कपल का फोटोशूट बहुत वायरल हो रहा है। ये लेस्बियन कपल फातिमा नूरा और अदीला नासरीन है। दोनों ने हाल ही में वेडिंग फोटोशूट कराया, जिसमें कपल लहंगा पहने नजर आ रहे है। दोनों कपल एक-दूसरे को वरमाला पहनाते भी दिख रहे हैं।
2018 से पहले भारत में समलैंगिक संबंध था अपराध
भारत में आइपीसी की धारा-377 के तहत वर्ष 2018 से पहले समेलैंगिक संबंध के बीच शारीरिक संबंध को अपराध माना जाता था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच ने सितंबर 2018 को इस कानून प्रावधान को खत्म कर दिया। अब कोई भी भारत में समलैंगिक संबंधों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज नहीं करा सकता है। लेकिन समलैंगिक शादी को लीगल बनाने के लिए LGBTQ कम्युनिटी आज भी कोशिश में जुटी हुई है।