मुंबई. क्रूज ड्रग्स केस (Cruise Drug Case) की जांच कर रहे NCB के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) को बॉम्बे हाईकोर्ट से राहत मिली है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि अब किसी भी एजेंसी को पहले 3 दिन का नोटिस समीर वानखेड़े को देना होगा। उसके बाद में ही उनकी गिरफ्तारी की जा सकेगी। आर्यन खान (Aryan Khan) के मामले की जांच कर रहे वानखेड़े ने हाईकोर्ट (Bombay Highcourt) का दरवाजा खटखटाया था। उन्हें आशंका थी कि मुंबई में उनके खिलाफ जो शिकायत दर्ज की गई थी। उसके आधार पर मुंबई पुलिस (Mumbai Police) उन्हें गिरफ्तार कर सकती है।
दोनों वकीलों के तर्क
वानखेड़े के वकील (lawyer) का कहना है कि जांच के लिए राज्य की तरफ से कोई सहमति नहीं ली गई है। यदि मुंबई पुलिस मुझे (वानखेड़े) को गिरफ्तार (arrest) किया जाता है। जो कि आज मुंबई पुलिस (mumbai police) कर सकती है। मीलॉर्ड, राज्य की तरफ से मेरे अधिकारों (rights) का हनन होने तक इंतजार (wait) नहीं किया जा सकता है।
वानखेड़े ने कहा कि मीलॉर्ड मेरे अधिकारों (rights) की रक्षा की जाए। मैं कोई पैडलर नहीं केवल डायरेक्टर (director) हूं। मेरी रिक्वेस्ट (request) है कि इसे जांच (investigation) को CBI या NIA को सौंपा जाना चाहिए।
निशाने पर वानखेड़े
वानखेड़े के लिए नवाब मलिक ने मोर्चा खोल दिया है। वानखेड़े की याचिका पर जस्टिस नितिन जामदार और जस्टिस (justice) एसवी कोटवाल की बेंच ने सुनवाई कर रही है। वानखेड़े के वकील (lawyer) ने बेंच से कहा कि मुझे (वानखेड़े) को महाराष्ट्र राज्य सरकार (maharashtra government) की तरफ से निजी निशाना बनाया जा रहा है। इसलिए मुझे गिरफ्तारी (arrest) से अंतरिम राहत देनी चाहिए।