Mumabi. महाराष्ट्र में सियासी ड्रामा खत्म होने के बाद अब विपक्षी नेताओं पर शिंकजा कसना शुरू हो गया है। शिवसेना नेता संजय राउत का आज 1 जुलाई का सवालों से सामना होगा। प्रवर्तन निदेशालय ने दूसरा समन जारी कर पेश होने का आदेश दिया है। शिवसेना नेता संजय राउत पर पात्रा चॉल लैंड स्कैम में करीब 1034 करोड़ के घोटाले का आरोप है। संजय राउत के सहयोगी प्रवीन राउत की 9 करोड़ रुपये और संजय राउत की पत्नी वर्षा की 2 करोड़ रुपये की संपत्ति पहले ही जब्त हो चुकी है। मुंबई के गोरेगांव इलाके में पात्रा चॉल है। संजय राउत ने ईडी के सामने पेशी पहले पहले ट्वीट करते हुए कहा कि मैं आज दोपहर 12 बजे पेश होऊंगा। मुझे जो समन मिला है उसका आदर करता हूं और जांच एजेंसियों के साथ सहयोग करूंगा। उन्होंने आगे कहा कि मैं शिव सैनिक कार्यकर्ताओं से यह अपील करता हूं कि वे ईडी ऑफिस के बाहर इकट्ठा न हों.
I will be appearing bfore the ED tody at 12 noon. I respect the Summons issued to me and it's my duty to co-operate with the Investigation agencies
I appeal Shivsena workers not to gather at the ED office
Don't worry !@PawarSpeaks @OfficeofUT @MamataOfficial @RahulGandhi pic.twitter.com/Vn6SeedAoU
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) July 1, 2022
संजय राउत ने मांगा था समय
इससे पहले संजय राउत को 28 जून को ईडी के सामने पेश होना था, लेकिन राउत ने ईडी को चिट्ठी लिखकर पेशी के लिए और समय की मांग की थी। पेशी से छूट की इजाजत मिल गई है। ईडी ने दूसरा समन जारी कर आज 1 जुलाई यानी आज पेश होने को कहा। शिवसेना सांसद ने 7 जुलाई तक का समय मांगा था, लेकिन ईडी ने और वक्त देने से इनकार कर दिया है। संजय राउत ने ट्वीट कर कहा है- मैं प्रवर्तन निदेशालय कार्यालय जाऊंगा, कुछ लोग हमें जेल पहुंचाना और राज्य चलाना चाहते है, जैसा कि आपातकाल के दौरान हुआ था. मैं अपने काम निपटाने के बाद ईडी के समक्ष पेश हो जाऊंगा। मैं एक सांसद हूं. मुझे कानून पता है. भले ही कानून प्रवर्तन एजेंसियां गलत तरीके से काम कर रही हैं, लेकिन मैं कानून का पालन करने वाला व्यक्ति हूं।
शरद पवार की बढ़ीं मुश्किलें
इधर, दूसरी तरफ महाराष्ट्र में सरकार जाते ही एनसीपी की भी मुश्किल बढ़ी। एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार को इनकम टैक्स ने नोटिस भेजा। चुनावी हलफनामों में गलत जानकारी देने का आरोप है। हालांकि, आयकर विभाग मुंबई ने इस बारे में अभी तक नोटिस का खंडन नहीं किया। NCP के प्रवक्ता महेश भारत तपासे ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि महाराष्ट्र सरकार में बदलाव के तुरंत बाद शरद पवार को साल 2004, 2009, 2014 और 2020 के चुनावी हलफनामों के लिए आयकर विभाग नोटिस देता है। क्या ये पूरी तरह से संयोग है या कुछ और?