नई दिल्ली. शिया वक्फ बोर्ड (Shia Waqf Board) के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी ने 6 दिसंबर को बाकायदा हिंदू धर्म ग्रहण कर लिया। रिजवी को गाजियाबाद के डासना स्थित देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती (Yati Narsimhanand Saraswati) ने उन्हें हिंदू धर्म में दीक्षित किया। वसीम का नया नाम जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी होगा। हिंदू धर्म अपनाने से बाद उन्होंने त्रिपुंड लगाया और पूजा की।वसीम रिजवी यानी (जितेंद्र त्यागी) उत्तर प्रदेश के प्रमुख मुस्लिम चेहरों में से एक माने जाते थे। उन्होंने कहा कि मुझे इस्लाम से बाहर कर दिया गया है। हमारे सिर पर हर शुक्रवार को इनाम बढ़ा दिया जाता है, आज मैं सनातन धर्म (Sanatan Dharma) अपना रहा हूं।
‘मुसलमान बोलने पर शर्म आती है’
वसीम रिजवी ने इस मौके पर कहा, 'यहां धर्म परिवर्तन की यहां कोई बात नहीं है। जब मुझे इस्लाम से निकाल दिया गया तो फिर मेरी मर्जी है कि मैं कौन-सा धर्म स्वीकार करूं। सनातन धर्म दुनिया का सबसे पहला धर्म है। उसमें जितनी अच्छाइयां (Qualities) हैं, और किसी धर्म में नहीं हैं। इस्लाम को हम धर्म ही नहीं समझते। हर जुमे को नमाज के बाद हमारा सिर काटने के लिए फतवे दिए जाते थे। ऐसी परिस्थिति में कोई हमें मुसलमान कहे, खुद शर्म (Ashamed) आती थी।'
त्यागी बिरादरी में होंगे शामिल
वसीम रिजवी ने पहले ही घोषणा कर रखी थी कि वे सोमवार (6 दिसंबर) को इस्लाम छोड़कर सनातन धर्म में शामिल होंगे। इस मौके पर यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा कि हम वसीम रिजवी के साथ हैं। वे त्यागी (Tyagi) बिरादरी से जुड़ेंगे।
दफनाएं नहीं, जलाएं
पिछले दिनों रिजवी ने अपनी वसीयत (Will) सार्वजनिक की थी। इसमें कहा था कि मरने के बाद उन्हें सुपुर्द-ए-खाक न जाए, बल्कि हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार (Creamation) किया जाए। रिजवी के मुताबिक, यति नरसिम्हानंद उनकी चिता को अग्नि दें। कुछ लोग मुझे मारना चाहते हैं और इन लोगों ने घोषणा कर रखी है कि उनकी मौत के बाद उनके पार्थिव शरीर को किसी कब्रिस्तान में दफनाने नहीं दिया जाएगा। इसलिए मेरा पार्थिव शरीर श्मशान घाट में जलाया जाए।
कुरान से 26 आयतें हटाने की मांग की थी
इस्लाम में रिफॉर्म में मांग कर चुके रिजवी अपने बयानों के चलते खासी चर्चा में रहे। उनका दावा है कि उन्हें कई बार धमकियां (Threats) भी मिल चुकी हैं। रिजवी ने कुरान से 26 आयतें हटाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट (SC) में याचिका दायर की थी। इस पर अदालत में सुनवाई हुई, लेकिन उनकी याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया। इसके बाद से रिजवी मुस्लिम संगठनों के निशाने पर थे।
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