Bangaluru. कर्नाटक में लिंगायत मठ के संत शिवमूर्ति मुरुगा शरणारू पर नाबालिगों से यौन शोषण के आरोप लगे हैं। कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) में भेज दिया है। 1 सितंबर देर रात उनका मेडिकल परीक्षण कराया गया, जिसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था।
शिवमूर्ति के खिलाफ पुलिस ने 29 अगस्त को पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) में मामला दर्ज किया था। इसके बाद उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया गया था। न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद पुलिस ओपन कोर्ट में आरोपी के खिलाफ हिरासत की मांग करेगी। शिवमूर्ति मुरुगा शरणारू को पुलिस ने 1 सितंबर रात को ही गिरफ्तार किया था।
एससी-एसटी एक्ट की धाराएं बढ़ाईं
यौन शोषण का आरोप लगाने वाली दो में से एक पीड़ित के अनुसूचित जाति (SC) से होने के कारण पुलिस ने मामले में एससी-एसटी एक्ट के तहत भी धाराएं लगाई हैं। पुलिस विभाग के सूत्रों ने बताया कि मठ के मुख्य महंत शिवमूर्ति मुरुगा पर यौन उत्पीड़न के साथ ही 30 अगस्त को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत भी आरोप लगाए गए। इस बीच मठ के छात्रों को वहां के सरकारी छात्रावास भेज दिया गया है। विवाद के बाद कई परिजन अपने बच्चों को घर लेकर चले गए हैं। मामला सामने आने के बाद से पुलिस टीम लगातार मठ और छात्रावास का दौरा कर रही है।
मठ के छात्रावास के 5 लोगों पर केस
शिवमूर्ति समेत 5 व्यक्तियों पर हायर सेकंडरी स्कूल की छात्राओं के यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है। उनके खिलाफ पॉक्सो कानून के तहत मैसूर पुलिस ने 2 नाबालिगों की शिकायत के बाद एफआईआर दर्ज की है। जिला बाल संरक्षण इकाई के अधिकारी की शिकायत के आधार पर मठ के छात्रावास के वार्डन समेत कुल पांच लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। जानकारी के मुताबिक, लड़कियों ने मैसूर स्थित एक NGO 'ओदानदी सेवा संस्थान' से संपर्क किया और काउंसलिंग के दौरान घटना की जानकारी दी।