NEW DELHI. संसद का विशेष सत्र आज 18 सितंबर से शुरू हो रहा है। नरेंद्र मोदी सरकार ने अभी तक सारे पत्ते नहीं खोले हैं। इस संसद की 75 साल की यात्रा पर बातचीत होगी। इसके अलावा सरकार के एजेंडे में 4 विधेयक भी हैं, जिन्हें वह पेश करेगी। दावा किया जा रहा है कि विशेष सत्र में मोदी बड़ा सरप्राइज दे सकते है। इससे पहले 1962 की भारत-चीन जंग समेत 11 मौकों पर संसद के विशेष सत्र बुलाए गए हैं। बता दें, पिछले कुछ समय से संसद की बैठकों में कमी आई है। संसद के पहले दो दशकों के दौरान एक साल में लोकसभा की करीब 120 दिन से भी ज्यादा बैठकें होती थीं। लेकिन अब ये घटकर 70 दिन रह गया है।
वहीं मोदी सरकार ने संसद के विशेष सत्र को लेकर अजेंडा साफ कर दिया है। कुछ विधेयक भी पेश किए जाएंगे।
- संसद के विशेष सत्र 2023 के दौरान, आजादी के 75 सालों (संविधान सभा से लेकर आज तक की उपलब्धियां, यादों और अनुभव) पर बातचीत होगी।
- मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) विधेयक 2023
- डाकघर विधेयक 2023
- अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक 2023
- प्रेस और आवधिक पंजीकरण विधेयक 2023
- विशेष सत्र के आखिरी तीन दिनों (20, 21 और 22 सितंबर) के बीच ही सरकार सदन में इन विधेयकों को चर्चा के लिए पेश कर पारित करवाने की कोशिश करेगी।
संसद में तीन बार सेशन बुलाए जाने की परंपरा
- बजट सत्र: जनवरी के आखिर में शुरू होकर अप्रैल के आखिर या मई के पहले हफ्ते तक चलता है।
- मानसून सत्र: जुलाई में शुरू होकर अगस्त तक चलता है।
- शीतकालीन सत्र: नवंबर से दिसंबर तक चलता है।
वहीं लोकसभा के महासचिव रहे पीडीटी अचारी ने बताया कि संसद का विशेष सत्र भी होता है। विशेष सत्र को बुलाने के मुद्दे पर आखिरी फैसला राष्ट्रपति ही लेते हैं।
संसद के सत्र को बुलाने का अधिकार किसका?
संसद के सत्र को बुलाने का अधिकार सिर्फ सरकार का होता है। सरकार ही ये तय करती है कि उसे सत्र कब बुलाना है। बता दें, संसदीय कार्यों पर बनी कैबिनेट कमेटी में फिलहाल 10 मंत्री हैं। इनमें रक्षा, गृह, वित्त, कृषि, जनजातीय मामले, संसदीय मामले और सूचना और प्रसारण मंत्री शामिल हैं। कानून मंत्री और विदेश राज्य मंत्री समिति में विशेष आमंत्रित सदस्य हैं।
मोदी सरकार में केवल एक विशेष सत्र हुआ
साढ़े नौ साल से भी ज्यादा सत्ता में मौजूद मोदी सरकार में सिर्फ एक बार विशेष सत्र बुलाया गया। यह विशेष सत्र 30 जून 2017 को सरकार ने जीएसटी को लागू करने के लिए संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित किया था। ये मोदी सरकार का दूसरा सत्र होगा, जो 18 से 22 सितंबर तक चलेगा।
विशेष सत्र में बदला जा सकता है एजेंडा
जानकारी के मुताबिक सांसदों को एजेंडा बताए बिना 15 दिन पहले सत्र शुरू होने की सूचना सांसदों को दी जाती है। हालांकि सत्र क्यों बुलाया जा रहा है, इसकी जानकारी संसद सदस्यों को होनी चाहिए। सरकार संसद की बैठक से एक दिन पहले बुलेटिन जारी कर सत्र के एजेंडे की जानकारी सदस्यों को देती है। बैठक वाले दिन सुबह केंद्र सरकार एजेंडा बदल सकती है।