दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में खतरनाक वायु प्रदूषण (Air Pollution) को लेकर सुप्रीम कोर्ट (SC) में 3 दिसंबर को फिर सुनवाई हुई। इसमें यूपी सरकार ने गजब की दलील दी। कहा कि पाकिस्तान की हवाओं के चलते प्रदूषण हो रहा है। इस पर चीफ जस्टिस (CJI) एनवी रमना ने चुटकी ली कि आप क्या वहां (पाकिस्तान) का बिजनेस बंद कराना चाहते हैं। मामले की अगली सुनवाई 10 दिसंबर को होगी।
टास्क फोर्स का गठन
सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद केंद्र ने टास्क फोर्स का गठन कर दिया। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (AQMC) ने शीर्ष कोर्ट में हलफनामा (Affidavit) दायर कर कहा कि एयर पॉल्यूशन को कंट्रोल करने के निर्देशों के पालन की निगरानी के लिए 17 सदस्यीय फ्लाइंग टास्क फोर्स बनाई गई हैं। यह टास्क फोर्स हर शाम 6 बजे रिपोर्ट लेगी।
केंद्र सरकार की इस पहल पर सुप्रीम कोर्ट ने संतोष जताया है। 2 दिसंबर को एयर पॉल्यूशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार के खिलाफ नाराजगी जताते हुए 24 घंटे के भीतर प्लान बताने को कहा था।
दिल्ली सरकार को अस्पताल में निर्माण कार्य करने की परमिशन
वहीं, कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को लेकर दिल्ली सरकार द्वारा दायर हलफनामा सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को अस्पतालों में निर्माण कार्य करने की अनुमति दे दी। केजरीवाल सरकार ने अस्पतालों में निर्माण की परमिशन मांगी थी। प्रदूषण बढ़ने के कारण निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई थी।
हमें खलनायक बनाया जा रहा- SC
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने स्कूल बंद करने वाले फैसले की रिपोर्टिंग पर भी सवाल उठाए। शीर्ष कोर्ट ने कहा कि हमने अखबारों में देखा है कि मीडिया का एक वर्ग यह दिखाने की कोशिश कर रहा है कि हम खलनायक (Villain) हैं और हम स्कूलों को बंद करना चाहते हैं। खुद दिल्ली सरकार ने कहा था कि स्कूल बंद कर रहे हैं और वर्क फ्रॉम होम शुरू कर रहे हैं। पता नहीं यह जानबूझकर दिखाया जा रहा है या किसी और मकसद से बताया गया है।
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