नई दिल्ली. पेगासस स्पाईवेयर के जरिए कथित जासूसी के मामले पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। पेगासस मामले की जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कुल 9 याचिकाएं दाखिल हुई हैं। चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच इस मामले पर सुनवाई कर रही है। कोर्ट ने कहा कि अगर मीडिया रिपोर्ट्स सही हैं तो ये आरोप काफी गंभीर हैं। याचिकाकर्ता की तरफ से कपिल सिब्बल ने कहा कि सरकार ने 'संसद में कहा कि इस बात में विवाद नहीं है कि 121 लोगों को निशाना बनाया गया। मेरा सीधा सवाल है कि अगर सरकार जानती है तो वह क्यों नहीं एक्शन ले रही है।' चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा कि हम यह भी नहीं कहना चाहते हैं कि दलीलों में कुछ भी नहीं है। याचिका दायर करने वाली कुछ याचिकाएं प्रभावित नहीं होती हैं और कुछ का दावा है कि उनके फोन हैक हो गए हैं, लेकिन उन्होंने आपराधिक शिकायत दर्ज करने का प्रयास नहीं किया है।
अगली सुनवाई अब 10 अगस्त को
कपिल सिब्बल ने कहा कि पेगासस जासूसी कर सकता है, लेकिन ये देखना होगा कि भारत में इसका इस्तेमाल हुआ है या नहीं। कोर्ट ने कहा कि अगर मीडिया रिपोर्ट्स सही साबित हुईं तो आरोप गंभीर हैं। सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की खंडपीठ ने कहा कि इस मामले में विदेशी कंपनियां भी शामिल हैं। यह एक जटिल मसला है। नोटिस लेने के लिए केंद्र की ओर से किसी को पेश होना चाहिए था। मामले की अगली सुनवाई अब 10 अगस्त को होगी।