NEW DELHI. शिक्षक दिवस के मौके पर भारतीय जन संचार संस्थान दिल्ली के (आईआईएमसी ) में सोमवार को 'शिक्षक अभिनंदन समारोह' का आयोजन किया गया। इस मौके पर आईआईएमसी के महानिदेशक प्रोफेसर संजय द्विवेदी ने संस्थान के सभी शिक्षकों को शॉल और स्मृति- चिह्न देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में संस्थान के अपर महानिदेशक आशीष गोयल और डीन ( अकादमिक ) प्रो. गोविंद सिंह भी मौजूद रहे।
प्रोफेसर द्विवेदी ने किया संबोधित
समारोह को संबोधित करते हुए प्रोफेसर द्विवेदी ने कहा कि कोई भी शिक्षण संस्थान अपने टीचर्स और स्टूडेंट्स की वजह से ही बड़ा बनता है। IIMC के श्रेष्ठ प्राध्यापकों की कड़ी मेहनत के बाद से ही हम लगातार कई सालों से पहले नंबर पर हैं। संस्थान के सभी शिक्षकों के मार्गदर्शन और सहयोग से ही आईआईएमसी अकादमिक गुणवत्ता के मानकों को स्थापित करने में सफल रहा है।
समय के साथ सरकारी शिक्षण संस्थानों में हुए बदलाव
आईआईएमसी के महानिदेशक के अनुसार समय के साथ सरकारी शिक्षण संस्थानों में बदलाव हुए हैं। सरकारी स्कूलों और कॉलेजों की जगह प्राइवेट स्कूल और कॉलेज लोगों की पसंद बन रहे हैं। ऐसे समय में सरकारी संस्थाओं में काम करने वाले सभी शिक्षकों का दायित्व बढ़ जाता है। उन्होंने आगे कहा कि समाज के आखिरी व्यक्ति तक शिक्षा पहुंचाने की जिम्मेदारी सरकारी शिक्षण संस्थाओं की है। इसके लिए सभी शिक्षकों को ईमानदारी और प्रामाणिकता के साथ अपना काम करने की जरूरत है।
'IIMC ने शोध के क्षेत्र में बनाई अलग पहचान '
प्रोफेसर द्विवेदी ने कहा कि आईआईएमसी ने मीडिया शिक्षण, प्रशिक्षण और शोध के क्षेत्र में अपनी एक अलग जगह बनाई है। मीडिया क्षेत्र की जरूरतों के हिसाब से हमने पाठ्यक्रमों को निरंतर अपडेट किया है। यही कारण है कि आईआईएमसी के पूर्व छात्र आज देश ही नहीं, बल्कि विदेशों के भी मीडिया, सूचना और संचार संगठनों में नेतृत्वकारी भूमिका में हैं। उन्होंने कहा कि सभी शिक्षकों को आत्मप्रेरणा से ही संस्थान को आगे लेकर जाना है और मॉडल पाठ्यक्रम का निर्माण करना है।