Bhopal. उत्तरकाशी में हुए हादसे के पीछे की वजह हर कोई जानना चाहता है कि आखिर किसकी लापरवाही से चार धाम यात्रा काल के गाल में समा गईं और बस खाई में जा गिरी जिसमें 26 लोगों की जान चली गई। इस डरावने मंजर का आंखों देखा हाल बस के ठीक पीछे चल रहे गाड़ी वाले ने बताया। ये वो गाड़ी वाला है जो बस के ठीक पीछे चल रहा था, जिसने ये पूरा हादसा अपनी आंखों से देखा और तत्काल पुलिस और एंबुलेस को हादसे की सूचना दी।
खाई में गिर गई बस
गाड़ी चालक ओमप्रकाश सिंह का कहना है कि हादसा ड्राइवर को झपकी आने के कारण हुआ है। ओमप्रकाश ने बताया कि शाम के करीब पौने 7 बज रहे थे और रास्ता पूरा खाली था। न सामने से कोई वाहन आ रहा था और न ही बस और उसकी बुलेरो के अलावा उस सड़क पर कोई गाड़ी थी। ये गाड़ी दामता चेक पोस्ट से बस के पीछे चल रही थी। बस और गाड़ी के ड्राइवर ने एकसाथ पोस्ट पर डॉक्युमेंट चेक कराए थे। बस चेक पोस्ट से महज 3 से 4 किमी चली ही थी, कि अचानक ड्राइवर ने मोड़ के पास कच्ची सड़क पर बस उतार दी, जब तक ओमप्रकाश कुछ समझ पाता, तब तक बस सड़क की बाईं ओर बनी खाई में जा गिरी। बस गिरती देख सिंह ने अपनी गाड़ी रोकी और तत्काल उत्तराखंड पुलिस के डायल 100 पर कॉल किया लेकिन नंबर बिजी आया तो तुरंत एंबुलेंस 108 को कॉल कर घटना की जानकारी दी।
ओवरटेक से नहीं हुआ हादसा
हादसे को देख सहमे हुए ड्राइवर ने ओवरटेक करने वाली बात को झुठलाते हुए ड्राइवर को नींद की झपकी लगने से या बस की स्टीयरिंग फेल होने का दावा किया। चश्दीद ओमप्रकाश खाई में लोगों की जान जाते देख जल्द ही मदद की राह देख रहा था। हादसे के करीब 25 मिनट बाद ऐंबुलेंस और पुलिस घटनास्थल पर पहुंची फिर बचाव कार्य शुरू हुआ, जिसके बाद ओमप्रकाश आगे के सफर के लिए निकल पड़ा।
पहले कभी नहीं देखा इतना बड़ा हादसा
एंबुलेस कंट्रोल रूम से इमरजेंसी काल आने ने के बाद 25 किमी दूर घटनास्थल के लिए रवाना हुई एंबुलेंस में ड्यूटी पर तैनात मेडिकल टेक्नीशिन रिषिका ने बताया कि करीब 40 मिनट में घटनास्थल पर पहुंचे तो हालत बेहद भयानक थे और अंधेरा भी तेजी से बढ़ रहा था। उन्होंने बताया कि दामता से नैनबाग के बीच बस के खाई में गिरने का अब तक का सबसे बड़ा हादसा है। खाई में पड़े लोगों को देख मदद के लिए रिषिका खुद 400 मीटर की खाई में उतर गईं और घायलों को निकालने का काम शुरू किया और फिर घटनास्थल से अस्पताल और अस्पताल से घटनास्थल पर एंबुलेंस आती और जाती रहीं।