Bhopal. नेशनल हेराल्ड केस मामले को लेकर दिल्ली से लेकर भोपाल तक बवाल मचा हुआ है। यह मामला लगातार बढ़ता जा रहा है जिसके चलते आने वाले दिनों में कांग्रेस की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। दिल्ली में नेशनल हेराल्ड से जुड़े यंग इंडिया के दफ्तर को सील करने के बाद एमपी की शिवराज सरकार भी हरकत में आ गई है। नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने भोपाल के एमपी नगर जोन वन में नेशनल हेराल्ड को जमीन एलॉट करने की नए सिरे से जांच के आदेश दे दिए हैं। मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा जिस मकसद से जमीन दी गई थी उससे अलग इस जमीन का इस्तेमाल किया गया। सस्ते दामों पर दी गई जमीन से करोड़ों की उगाही की जा रही है। इस पूरे मामले में नए सिरे से जांच के आदेश दिए गए हैं। फिलहाल जानकारी के मुताबिक नेशनल हेराल्ड को आवंटित बीडीए की जमीन की लीज को निरस्त किया गया है। मामला कोर्ट में है यदि जरूरत पड़ी तो सरकार इसे रद्द करने के लिए हाईकोर्ट जाएगी।
क्या है पूरा मामला
2011 में नेशनल हेराल्ड को दी गई जमीन के रजिस्ट्रेशन को रिन्यु किया गया। तब पता चला जो जमीन प्रकाशन के लिए एलॉट की गयी थी उसका उपयोग कमर्शियल तरीके से किया जा रहा है। इस वजह से भोपाल विकास प्राधिकरण ने लीज रिन्यु करने से इनकार कर दिया। बीडीए ने यह जमीन नेशनल हेराल्ड ग्रुप को मामूली दर पर एलॉट की थी। तब एमपी नगर में प्रेस कॉम्प्लेक्स विकसित हो रहा था, लेकिन जमीन पर व्यावसायिक गतिविधियां होने के कारण बीडीए ने कई बार नोटिस भेजे और बाद में लीज निरस्त कर दी।
कोर्ट पहुंचा मामला
हालांकि लीज निरस्त करने के बाद मामला कोर्ट तक जा पहुंचा और फिलहाल बताया जा रहा है कि कोर्ट में होने के कारण इस पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है, लेकिन अब राज्य सरकार इस पूरे मामले को हाईकोर्ट में चुनौती देने की तैयारी में है। मतलब साफ है कि दिल्ली से लेकर भोपाल तक नेशनल हेराल्ड ग्रुप से जुड़ी संपत्तियों पर शिकंजा कसा जा रहा है।