गधों की संख्या देश में लगातार घट रही, सबसे ज्यादा गिरावट इन राज्यों में आई

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गधों की संख्या देश में लगातार घट रही, सबसे ज्यादा गिरावट इन राज्यों में आई

दिल्ली. देश के कई राज्यों में गधों की संख्या लगातार कम होती जा रही है। एक समय था जब सामान को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए गधों का काफी इस्तेमाल होता था। यातायात के साधनों में बढ़ोतरी की वजह से गधों (donkey) का उपयोग दिन प्रतिदिन कम होता गया। अब देश में गधों की संख्या में रिकॉर्ड गिरावट ( record fall) आ रही है। पिछले सात सालों में गधों की संख्या में ये गिरावट चौंकाने वाली है। देश में 2012 से 2019 के बीच गधों की संख्या में 61.23 प्रतिशत की गिरावट आई है। 



इन राज्यों में भारी कमी : उत्तर प्रदेश में गधों की संख्या में 71.72 प्रतिशत की गिरावट आई है। प्रदेश में जहां साल 2012 में गधों की संख्या 57 हजार थी वह 2019 में घटकर 16 हजार हो गई। राजस्थान में गधों की संख्या में 71 प्रतिशत की गिरावट आई है। राज्य में 2012 में 81 हजार गधे थे जो 2019 में घटकर 23 हजार हो गए। गुजरात में गधों की संख्या में 70.94 प्रतिशत की गिरावट आई है। राज्य में 2012 में 39 हजार गधे थे जो 2019 में घटकर 11 हजार हो गए। गुजरात में गधों की संख्या में गिरावट करीब राजस्थान और उत्तर प्रदेश के बराबर है।



बिहार और महाराष्ट्र में भी कमी : बिहार में गधों की संख्या में 47.31 प्रतिशत की गिरावट आई है। राज्य में 2012 में कुल गधों की संख्या 21 हजार थी जो 2019 में गटकर 11 हजार रह गई। महाराष्ट्र में गधों की संख्या में 39.69 प्रतिशत की गिरावट आई है। राज्य में 2012 में 29 हजार गधे थे जो 2019 में घटकर 18 हजार हो गए। पशुधन जनगणना 2019 के अनुसार भारत में कुल गधों की 1.12 लाख है।



इस कारण घट रही संख्या : रिपोर्ट में गधों की संख्या में यह कमी सीमा से उनका अवैध तरीके से दूसरे देशों में निर्यात बताया गया है। कई देशों में लोग इनका मीट भी खाते हैं। इनकी खाल का भी उपयोग कई चीजों में किया जाता है। कई व्यापारी गधों की अवैध तरीके से खरीद-बिक्री कर रहे हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि गधों का इस्तेमाल कम होने से और अवैध तरीके से इन्हें मारने से इनकी संख्या कम हुई है।

 


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